Mangaluru Auto Blast Case: मंगलुरु के एक ऑटो रिक्शा में हुए ब्लास्ट मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी. इस विस्फोट को कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई और प्रवीण सूद एक्ट ऑफ टेरर बता चुके हैं. 


डीजीपी प्रवीण सूद ने बुधवार (23 नवंबर) को बताया, ‘‘ ब्लास्ट का उद्देश्य दो समुदायों के बीच मतभेद पैदा करना था, इसमें कोई शक नहीं है. जब कोई विस्फोट होता है तो समुदायों के बीच मतभेद बढ़ते हैं, चाहे वह हिंदू, मुस्लिम या ईसाई हों. उनका इरादा देश को अस्थिर करना था. उनका इरादा निश्चित रूप से सांप्रदायिक सद्भाव और एकता को बिगाड़ने का था.’’


सरकार ने क्या कहा? 
कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बुधवार को बताया कि वह उस अस्पताल में भी गए, जहां ऑटो ड्राइवर पुरुषोत्तम पुजारी का इलाज किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि शारिक कोयंबटूर और कन्याकुमारी जैसे विभिन्न स्थानों पर गया था और जांच जारी है. वहीं इस दौरान उनके साथ मौजूद डीजीपी प्रवीण सूद ने कहा कि विस्फोट के पहले दिन से एनआईए और केंद्रीय एजेंसियां जांच का हिस्सा हैं. अब अधिकारिक तौर पर एनआईए को जांच सौंप दी गई है.  


मामला क्या है? 
कर्नाटक के शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली का रहने वाला शारिक शनिवार (19 नवंबर) को एक प्रेशर कुकर में बम लेकर ऑटोरिक्शा में यात्रा कर रहा था, जिसमें डेटोनेटर, तार और बैटरी लगी हुई थी और इसमें विस्फोट हो गया था. उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 


किसने किया हमला? 
इस्लामिक रेजिस्टेंस काउंसिल (IRC) ने मंगलुरु में हुए धमाके को कथित तौर पर करने का दावा किया है. आईआरसी ने कहा है कि उसके ‘मुजाहिद भाई मोहम्मद शारिक’ ने ‘कादरी में एक हिंदू मंदिर’ पर हमले की कोशिश की थी. फिलहाल इसको लेकर पुलिस की जांच जारी है. 


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