Kolkata High Court: कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार (22 मई) को 2011 के बाद से पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से अब तक जारी किए गए ओबीसी प्रमाण पत्रों को रद्द करने का फैसला सुनाया है. इस आदेश के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया सामने आई है. 


सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला मुझे स्वीकार नहीं है. उन्होंने कहा, ''आज भी मैंने एक जज को एक आदेश पारित करते हुए सुना, जो काफी मशहूर रहे हैं. पीएम इस बारे में बात कर रहे हैं कि अल्पसंख्यक कैसे तपशिली आरक्षण छीन लेंगे?''


तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने क्या कहा?


तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, ''ऐसा कैसे हो सकता है? इससे संवैधानिक विषमता पैदा हो जाएगी. तपशिली या आदिवासी आरक्षण को अल्पसंख्यक कभी छू नहीं सकते, लेकिन ये शरारती लोग (बीजेपी) अपना काम एजेंसियों के जरिए कराते हैं.''


26 हजार लोगों की चली गई नौकरियां- ममता


ममता बनर्जी ने बीजेपी पर निशान साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी की वजह से 26 हजार लोगों की नौकरियां चली गईं. मैंने कहा था कि मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगी. वैसे ही मैं आज कह रही हूं, मैं आज का आदेश नहीं मानती हूं. हम बीजेपी का आदेश नहीं मानेंगे. ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा. उनके दुस्साहस की कल्पना कीजिए. यह देश में कलंकित अध्याय है.


बीजेपी शासित राज्यों पर क्यों नहीं होती बात- ममता


उन्होंने आगे कहा कि यह मेरी ओर से नहीं किया गया है. उपेन बिस्वास ने किया था. ओबीसी आरक्षण लागू करने से पहले सर्वे कराया गया था. पहले भी मामले दर्ज हुए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. वे बीजेपी शासित राज्यों में नीतियों के बारे में बात क्यों नहीं करते. ओबीसी आरक्षण कैबिनेट, विधानसभा में पारित किया गया था और इस पर अदालत का फैसला भी है. चुनाव से पहले इन चीजों से खेल कर रहे हैं. मुझे कोर्ट का आदेश मिला है, अब इसे मैं देखूंगी.


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