Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार बन गई है. लेकिन अब उद्धव सरकार और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के बीच शिवसेना नाम को हासिल करने के लिए लड़ाई चल रही है. दरअसल उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) दोनों शिवसेना नाम और उसके चुनाव चिन्ह को अपनी पार्टी की पहचान बनाना चाहते हैं. इस लड़ाई के बीच असली शिवसेना की पहचान के लिए चुनाव आयोग में चल रही प्रक्रिया के खिलाफ उद्धव ठाकरे खेमा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. 


ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग (Election Commission) की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है.उन्होंने कहा कि जब तक शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं हो जाता, चुनाव आयोग को तब तक अपनी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए.


दरअसल सुप्रीम कोर्ट से पहले राज्य में असली शिवसेना को लेकर लड़ाई चुनाव आयोग के पास पहुंचा था. जिसके बाद चुनाव आयोग (Election Commission) ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एकनाथ शिंदे दोनों गुट को शिवसेना में बहुमत साबित करने के लिए दस्तावेजी सबूत पेश करने के लिए कहा था.चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट को 8 अगस्त को दोपहर 1 बजे तक जवाब देने का वक्त दिया है. इसके बाद आयोग शिवसेना पर अपना दावा जता रहे दोनों गुटों और विवादित मसलों को लेकर विचार करेगा.


शिंदे गुट का पलड़ा कितना भारी?


बता दें कि शिवसेना नाम को 9 अक्टूबर 1989 को रजिस्टर किया गया था.इस नाम का चुनाव चिन्ह धनुष और तीर है. महाराष्ट्र के शिंदे गुट के सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदेने अपने गुट को असली शिवसेना बता रहे हैं. उन्होंने चुनाव आयोग को यह भी बताया है कि उनके समर्थन में 55 में से 40 विधायक, कई एमएलसी और 18 में से 12 सांसद हैं.


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