Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने पूछताछ के लिए समन जारी किया है. ईडी के सूत्रों के मुताबिक संजय राउत को कल सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया गया है. आपको बता दें कि शिवसेना नेता संजय राउत को पात्रा चॉल जमीन घोटाले (Patra Chawl Scam) के मामले में ईडी ने समन जारी किया है. ईडी के अधिकारियों के मुताबिक संजय राउत को 28 जून को एजेंसी के अधिकारियों के समक्ष पेश होने और धनशोधन रोकथाम कानून के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है. 


शिवसेना नेता संजय राउत को ईडी का समन दिए जाने पर पार्टी ने इसका विरोध किया है. शिवसेना ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर सरकारी एजेंसी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. शिवसेना इससे पहले भी केंद्र सरकार पर एजेंसियों के गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाती रही है. शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने संजय राउत को समन भेजने को लेकर ईडी पर निशाना साधा है, उन्होंने ट्वीट कर कहा, "भाजपा से परम भक्ति का सबसे बड़ा उधारण पेश करती हुई ईडी डिपार्टमेंट." वहीं संजय राउत ने ईडी के समन को लेकर ट्वीट कर कहा, मैं अब समझ गया हूं कि ईडी ने मुझे समन भेजा है. हम सब बालासाहेब के शिवसैनिक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं. यह साजिश चल रही है.


आपको बता दें कि इससे पहले ईडी ने इसी साल अप्रैल में संजय राउत नजदीकी सहयोगी समेत उनकी पत्नी वर्षा राउत की 11.15 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी तौर पर कुर्क कर लिया था. ईडी ने संजय राउत के करीबी समझे जाने वाले प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया था. साथ ही प्रवीण राउत की पालघर में मौजूद संपत्ति को भी जब्त किया था. आपको बता दें कि प्रवीण राउत का नाम इससे पहले साल 2020 में पीएमसी बैंक धोखाधड़ी मामले में भी सामने आया था. उस समय जांच एजेंसी को पता चला था कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने 2010 में शिवसेना नेता संजय राउत की पत्नी वर्षा को 55 लाख रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था. जिसका इस्तेमाल मुंबई के दादर में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया गया था. 


क्या है पात्रा चॉल घोटाला?


पात्रा चाल मुंबई के गोरेगांव में स्थित है. इस घोटाले की शुरुआत उस समय हुई जब महाराष्ट्र सरकार ने चॉल में रहने वाले 672 किरायेदारों को फ्लैट देने के लिए सरकारी योजना बनाई. जिसके लिए HDIL की कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने किरायेदारों के लिए फ्लैट बनाने का ठैका दिया गया. कॉन्ट्रैक के मुताबिक, गुरु आशीष की कंपनी को 672 फ्लैट चॉल के किरायेदारों को देकर 3000 फ्लैट MHDA को हैंडओवर करने थे. लेकिन आरोप है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने ना तो चॉल में रहने वाले लोगों के फ्लैट बनाए और न ही MHDA को कोई फ्लैट सौंपा. आरोप है कि उसने पूरी जमीन और FSI आठ बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में बेच दी. 


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