मुंबई: दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एनसीपी चीफ शरद पवार की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में सियासी पारा चढ़ गया है. दोनों बड़े नेताओं की मुलाकात के बाद प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह जो भी फैसला करेंगे वह पार्टी को मंजूर होगा. चंद्रकांत पाटिल के इस बयान के बाद शिवसेना और एनसीपी ने कहा है कि बीजेपी राज्य में भ्रम फैला रही है.


जो फैसला दिल्ली से होगा, वही मान्य होगा- चंद्रकांत पाटिल


एंटीलिया कांड के बाद से महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार पहले ही हिचकोले खा रही थी और अब बीजेपी के एक दांव ने शिवसेना-कांग्रेस को बेचैन-बेकरार कर दिया है. चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि जो फैसला दिल्ली से होगा, वही मान्य होगा. हालांकि एनसीपी और शिवसेना इस चर्चा को बेबुनियाद बता रही हैं.


सरकार दुरुस्त है और लंबी चलेगी- एनसीपी


एनसीपी कोटे से मंत्री नवाब मलिक ने कहा, ''जब मुलाकात ही नहीं हुई तो किसी चर्चा का सवाल ही नहीं उठता.'' नवाब मलिक ने पवार की सेहत को लेकर जानकारी दी है. मलिक ने कहा है कि शरद पवार को गॉलब्‍लैडर में स्टोन की तकलीफ है. 31 मार्च को उनकी सर्जरी होगी. जिसके बाद वह दो सप्ताह आराम करेंगे.


वहीं, मुलाकात पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, ‘’यकीन से कह रहा हूं. अमित शाह और पवार की कोई मुलाकात नहीं हुई. अफवाह पर विराम लगाना जरूरी है. इससे कुछ हाथ नहीं लगने वाला.’’ लेकिन माना ये भी जा रहा है कि अनिल देशमुख को लेकर शिवसेना और एनसीपी के रिश्ते भीतरखाने ठीक नहीं हैं और इधर सेहत ना ठीक होने का हवाला देकर शरद पवार भी इस सियासी बहस से साइड हो गए हैं.


महाराष्ट्र का सियासी समीकरण जानिए


महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. बहुमत का आंकड़ा 145 है. सदन में बीजेपी की 105, एनसीपी की 54, शिवसेना की 56, कांग्रेस की 44 और अन्य की 29 सीटें हैं. अगर महाराष्ट्र में बीजेपी और एनसीपी साथ आते हैं तो उनके 159 विधायक होंगे. यानी बहुमत से ज्यादा. यानि शरद पवार जब चाहें उद्धव की गद्दी छीन कर बीजेपी को सौंप सकते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार की असली तस्वीर दो हफ्ते बाद ही साफ होगी...जब शरद पवार बेड रेस्ट से वापस लौटेंगे.


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