Maharashtra Protest: अपनी मांगों के समर्थन में उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले से मुंबई की ओर मार्च कर रहे हजारों किसान और आदिवासी बुधवार को ठाणे जिले में प्रवेश कर गए, जबकि राज्य सरकार की ओर से बातचीत करने के लिए आए दो मंत्रियों के साथ किसान प्रतिनिधियों की करीब 2 घंटे तक बातचीत हुई. इसको लेकर महाराष्ट्र के दो मंत्री दादा भूसे और अतुल सवे ने किसानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात भी की.


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि किसानों के प्रतिनिधियों के साथ 14 मुद्दों पर बातचीत हुई और 5 मांगों पर चर्चा सकारात्मक रही है. इसको लेकर डिटेल में बातचीत की जाएगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मिलने का निवेदन भी किया गया. कल यानि 16 मार्च को मंत्रालय में इन लोगों की मुलाकात होगी. वहीं बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाता है तो मोर्चा जारी रहेगा और पैदल चलकर विधानसभा तक पहुंचेगा.


सीएम शिंदे ने दो मंत्रियों को किया था नियुक्त


जैसी ही ये लॉन्ग मार्च मुंबई शहर के बाहरी इलाके ठाणे जिले में पहुंचा सरकार ने दादा भूसे और अतुल सवे को इन लोगों से बातचीत करने के लिए भेज दिया. ठाणे जिला सीएम एकनाथ शिदें का सियासी इलाका भी है. प्रदर्शनकारियों ने रविवार को मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर नासिक जिले के डिंडोरी कस्बे से लाल झंडे लेकर मार्च शुरू किया.






क्या है किसानों की मांग?


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक किसानों की मांग है कि प्याज उत्पादकों को 600 रुपये प्रति क्विंटल की तत्काल वित्तीय राहत, किसानों को बिना रुके 12 घंटे तक बिजली आपूर्ति और कृषि लोन पर माफी जैसी मांगों के साथ ये किसान और आदिवासी मुंबई शहर में विधानसभा की तरफ कूच कर रहे हैं. इस मार्च का आयोजन सीपीआई ने किया.


क्या कहना है सीपीआई का?


सीपीआई विधायक विनोद निकोल का कहना है कि 40 डिग्री सेल्सियस के करीब तापमान में कई लोग नंगे पैर चल रहे हैं, प्रदर्शनकारियों के 20 मार्च को मुंबई पहुंचने की संभावना है. वहीं ठाणे जिले की शाहपुर पुलिस ने कहा कि मोर्चा के सदस्य गुरुवार को मुंबई के लिए रवाना होने से पहले कलंब गांव में रुकेंगे.


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