Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और 15 अन्य बागी विधायकों ने अयोग्यता नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की थी जिस पर आज सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर (Maharashtra Deputy Speaker), महाराष्ट्र राज्य विधानसभा के सचिव, केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना नेता अजय चौधरी, सुनील प्रभु को भी नोटिस जारी कर पांच दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.


शिंदे गुट को राहत


सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही डिप्टी स्पीकर की तरफ से विधायकों को जवाब देने के लिए दिया गया समय 11 जुलाई शाम 5.30 तक के लिए बढ़ा दिया है. कोर्ट में एकनाथ शिंदे गुट के वकील नीरज कौल ने दलील रखते हुए कहा कि स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव लंबित हो तो उन्हें विधायकों की अयोग्यता पर विचार नहीं करना चाहिए. नोटिस जारी करें तो उसके जवाब के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए. बता दें कि डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी कर आज शाम तक जवाब मांगा था.


स्पीकर फ्लोर टेस्ट से क्यों डर रहे?


सुनवाई के दौरान जस्टिस ने पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए तो शिंदे के वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि कानून हमें सुप्रीम कोर्ट आने से नहीं रोकता. पहले भी ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं. उन्होंने आगे कहा कि जो लोग अल्पमत में हैं, उन्होंने व्यवस्था पर कब्जा कर रखा है. हमें जान की धमकी दी जा रही है. हमारी लाश लौटेगी, जैसी बातें कही जा रही हैं. जिस स्पीकर को बहुमत का समर्थन हो, वह फ्लोर टेस्ट से क्यों डरेगा? 


महाराष्ट्र विधानसभा नियमावली के नियमों का पालन नहीं किया


कौल ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा नियमावली के नियम 11 का भी पालन नहीं किया गया. 14 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए था. फिर नोटिस को विधानसभा में आगे विचार के लिए रखा जाना चाहिए था. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि अभी विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है. याचिका पर लंबी बहस के बाद कोर्ट ने सभी पक्षों 11 जुलाई को जवाब दाखिल करने को कहा. 


शिवसेना के अनुरोध पर जारी हुआ था नोटिस


गौरतलब है कि शिवसेना (Shiv Sena) के अनुरोध पर डिप्टी स्पीकर ने शिंदे (Eknath Shinde) और अन्य 15 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया था और 27 जून शाम तक जवाब दाखिल करने को कहा था. शिवसेना ने 16 बागी विधायकों को निलंबित करने का डिप्टी स्पीकर से अनुरोध किया था. इस नोटिस को लेकर एकनाथ शिंदे और 15 अन्य बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया था. 


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