संसद में रविवार (20 सितंबर) को राज्यसभा की कार्यवाही जहां हंगामेदार रही वहीं लोकसभा की कार्यवाही आधी रात तक चली. देर रात साढ़े 12 बजे तक चली लोकसभा की कार्यवाही में सांसदों ने जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. कोरोना वायरस महामारी के चलते लोकसभा की कार्यवाही शाम 3 बजे से 7 बजे तक निर्धारित है. हालांकि राज्यसभा में भारी हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही एक घंटे देर से शुरू हुई. लोकसभा की कार्यवाही शाम 4 बजे से शुरू हुई और साढ़े आठ घंटे से ज्यादा चली.


पास हुए चार महत्वपूर्ण विधेयक
लोकसभा में शून्यकाल में चर्चा के दौरान 88 सदस्यों  ने जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए. कार्यवाही के दौरान निचले सदन में मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित हो गया . इसके तहत कोरोना महामारी के कारण सांसदों के वेतन-भत्तों में 30 फीसदी कटौती का प्रावधान है. यह विधेयक पहले ही राज्यसभा से पारित हो चुका है. वहीं वित्तीय संविदा द्विपक्षीय नेटिंग विधेयक, 2020, राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी बिल 2020 और द नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बिल, 2020 भी लोकसभा से पास हुए.


राज्यसभा में कृषि बिल को लेकर भारी हंगामा
कृषि क्षेत्र से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयकों को राज्यसभा ने विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच रविवार को ध्वनि मत से अपनी मंजूरी दे दी गई. सरकार द्वारा इन दोनों विधेयकों को देश में कृषि क्षेत्र से जुड़े अबतक के सबसे बड़े सुधार की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है.


किसान विधेयकों में क्या है खास


कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2020- किसान मनचाही जगह पर फसल बेच सकते हैं. बिना किसी रुकावट दूसरे राज्यों में भी कारोबार कर सकते हैं. APMC के दायरे से बाहर भी खरीद-बिक्री संभव है. ऑनलाइन बिक्री इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग से होगी, जिससे मार्केटिंग लागत बचेगी और बेहतर दाम मिलेंगे. फसल की बिक्री पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.


मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा विधेयक 2020- राष्ट्रीय स्तर पर कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग की व्यवस्था बनेगी. रिस्क किसानों का नहीं, एग्रीमेंट करने वालों पर होगा. किसान कंपनियों को अपनी कीमत पर फसल बेचेंगे. किसानों की आय बढ़ेगी, बिचौलिया राज खत्म होगा. तय समय सीमा में विवाद निपटारे की व्यवस्था होगी.


राज्यसभा में आज 3 बिल लाए जाएंगे. इसमें आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कानून संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2020, बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 शामिल हैं.


आवश्यक वस्तु संशोधन बिल- अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू-प्याज आवश्यक वस्तु नहीं होंगे. उत्पादन, स्टोरेज, डिस्ट्रीब्यूशन पर सरकारी नियंत्रण खत्म होगा. फूड सप्लाई चेन के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी. उपभोक्ताओं के लिए भी कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी. सब्जियों की कीमतें दोगुनी होने पर स्टॉक लिमिट लागू होगी.


किसान बिल पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- इतिहास वही बनाते हैं, जो इतिहास से आगे बढ़ जाते हैं


कृषि बिल को राहुल गांधी ने बताया 'मौत का फरमान', कांग्रेस ने कहा- आज भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन