Lok Sabha Election 2024: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार (24 अप्रैल) को कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रचने के आरोप देशद्रोह के समान हैं और बिना किसी ठोस सबूत के गैर-जिम्मेदाराना तरीके से आरोप नहीं लगाए जा सकते. हाई कोर्ट बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा की ओर से दायर मानहानि के मामले में वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ उनके कथित ट्वीट और बयानों पर सुनवाई कर रहा था.


दरअसल, बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा ने अपनी याचिका में देहाद्राई पर उनके ऊपर भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाने और उन्हें उड़िया बाबू, पुरी का दलाल जैसे आपत्तिजनक नामों बुलाने का आरोप लगाया है. वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने मिश्रा और देहाद्राई के वकीलों और खुद जय देहाद्राई की ओर से दलीलें सुनने के बाद आदेश पारित किया.  


PM के खिलाफ साजिश राज्य के खिलाफ है अपराध- दिल्ली HC


इस मामले पर जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि हालांकि एक राजनेता "संवेदनशील" नहीं हो सकता, लेकिन देहाद्राई को अधिकारियों से की गई अपनी शिकायत के नतीजे का इंतजार करना चाहिए और वह "खुश" नहीं हो सकता. बता दें कि, संसद से निष्काषित टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को उनके पूर्व साथी जय अनंत देहाद्राई के आरोपों के बाद 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने संसद में प्रश्न पूछने के लिए कारोबारी और हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली थी.


हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, "जब आप प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश कहते हैं तो यह परेशानी वाली बात है. आप खुश नहीं हो सकते...प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश राज्य के खिलाफ अपराध है, ये देशद्रोह है." कोर्ट ने आगे कहा कि इससे आम जनता पर इसका गंभीर असर होगा. यह सब कहने से पहले जांच निष्कर्ष निकलने का इंतजार करें.


देहाद्राई और महुआ मोइत्रा के बीच विवाद HC में है लंबित


हालांकि, इस मामले में जय अनंत देहाद्राई  और उनके वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह सुनवाई की अगली तारीख तक बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ "साजिश" रचने के संबंध में आगे कोई बयान नहीं देंगे. प्रतिवादी की ओर से पेश हुए एडवोकेट राघव अवस्थी ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि सुनवाई की अगली तारीख तक वादी पर प्रधानमंत्री के खिलाफ किसी साजिश में शामिल होने का कोई आरोप नहीं लगाया जाएगा.  इस मामले में सीबीआई पहले से ही इन आरोपों की जांच कर रही है, साथ ही वकील जय अनंत देहाद्राई और महुआ मोइत्रा के बीच विवाद भी हाई कोर्ट में पहले से लंबित है.


29 जुलाई को कोर्ट करेगा अगली सुनवाई


इस मामले पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रचने का आरोप एक गंभीर आरोप है. यह देशद्रोह के समान है. प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रचने का आरोप गैर-जिम्मेदाराना तरीके से नहीं लगाया जा सकता है और यह ठोस और ठोस कारणों पर आधारित होना चाहिए. वहीं, कोर्ट ने देहाद्राई और दो मीडिया घरानों को मुकदमे पर नोटिस जारी किया है. अब दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को करेगा.


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