Cash Seizure In Karnataka:  लोकसभा चुनाव से पहले देश भर में धन बल के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग पैनी नजर रख रहा है.  कर्नाटक में कार में अवैध रूप से दो करोड़ रुपये नकदी ले जाने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यालय सचिव लोकेश अंबेकल्लू और दो अन्य के खिलाफ रविवार (21 अप्रैल) को प्राथमिकी दर्ज की गई है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने यह जानकारी दी है.


न्यूज़ एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि मामला शनिवार को तब सामने आया जब चामराजपेट की स्टेटिक सर्विलांस टीम (एसएसटी) ने शाम करीब चार बजे दो करोड़ रुपये की नकदी ले जा रही एक कार को रोका और आयकर विभाग के अधिकारियों को सूचित किया. निर्वाचन कार्यालय ने बताया कि दो करोड़ रुपये नकदी ले जाने के आरोप में बीजेपी प्रदेश कार्यालय के सचिव लोकेश अंबेकल्लू, वेंकटेश प्रसाद और गंगाधर के खिलाफ कॉटनपेट थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई है. इसके लिए रविवार को कोर्ट से अनुमति भी ली गई है.


वैध थी नगदी फिर भी क्यों दर्ज हुई एफआईआर?


निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, आयकर विभाग ने बीजेपी के पदाधिकारियों को बुलाया और जांच में पाया गया कि आयकर कानूनों के तहत कोई उल्लंघन नहीं हुआ, क्योंकि धन का स्रोत वैध था.


हालांकि निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार, राजनीतिक गतिविधियों के लिए पार्टी पदाधिकारियों और उम्मीदवारों के एजेंट को दी जाने वाली 10,000 से अधिक की नकद राशि चेक या ऑनलाइन मोड के माध्यम से दी जाएगी. निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को भारी मात्रा में नकदी नहीं ले जाने की भी सलाह दी थी. इसलिए एफआईआर दर्ज की गई है.


अधिकारियों ने बताया कि मामले में निर्वाचन आयोग के निर्देशों का उल्लंघन हुआ था. उन्होंने बताया कि धन का इस्तेमाल चुनाव में प्रलोभन के लिए किया जा सकता है, इस संदेह के आधार पर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की प्रासंगिक धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई.


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