Lok Sabha Election Survey: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी दलों ने अपने सियासी समीकरण साधने शुरू कर दिए हैं. बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए टारगेट सेट कर दिया है तो कांग्रेस भी पूरे दमखम से जुटी है. इस बीच चुनाव को लेकर सी वोटर के एक सर्वे में कांग्रेस के लिए अच्छी खबर आई है. सर्वे के मुताबिक कई महत्वपूर्ण राज्य ऐसे हैं, जहां पर उसके नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के वोट शेयर में वृद्धि हुई है.


सर्वे के आंकड़ों में सबसे पहले कर्नाटक की बात करते हैं, जहां इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. हालांकि, सर्वे लोकसभा चुनाव को लेकर किया गया है लेकिन इसमें राज्यवार अलग आंकड़े दिए गए हैं. कर्नाटक में 28 लोकसभा सीट हैं. कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को 2019 में महज दो सीट मिली थी. इसमें कांग्रेस और जेडीएस को 1-1 सीट मिली. एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी जबकि 25 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमा लिया था.


कर्नाटक 
इंडिया टुडे और सी वोटर के अगस्त 2022 को किए गए सर्वे में यूपीए की सीटों में जबरदस्त उछाल आया और इसे 13 सीटें मिलती दिखाई गई हैं. छह महीने बाद ही जनवरी 2023 में ताजा सर्वे आया जिसमें एक बार फिर यूपीए को फायदा मिला और सीटें बढ़कर 17 हो गईं. 


महाराष्ट्र
2022 में शिवसेना में फूट के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का महाआघाड़ी गठबंधन राज्य की सत्ता से बाहर हो गया, लेकिन लोकसभा को लेकर यूपीए की लोकप्रियता बनी हुई है. सर्वे में तो इसमें इजाफा ही हुआ है. महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 2019 में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 42 सीट मिली थी जबकि यूपीए को महज 5 सीट मिली. वहीं, एक सीट पर एआईएमआईएम के खाते में गई थी.


यहां ये ध्यान देने की जरूरत है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना बीजेपी के साथ थी. बाद में विधानसभा चुनाव के बाद दोनों की राहें अलग हुईं और शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी साथ आईं. शिवसेना के साथ आने का फायदा भी यूपीए को दिखा. अगस्त 2022 में हुए सर्वे में यूपीए को 47 फीसदी वोट मिलते दिखाए गए थे और गठबंधन की सीटों की संख्या 6 से बढ़कर 30 हो गई. 6 महीने बाद ही अगले सर्वे में वोट प्रतिशत में 1 प्रतिशत की बढ़त हुई तो लोकसभा सीटों की संख्या 4 अंक बढ़कर 34 पहुंच गई.


बिहार में जबरदस्त फायदा
अब बात बिहार की, जहां यूपीए को बंपर फायदा होता दिख रहा है. बिहार के आंकड़े जानने से पहले 2019 के नतीजों की एक झलक देख लेते हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जेडीयू भी एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी. तब चुनाव में राज्य में प्रचंड लहर देखी गई थी और 40 लोकसभा सीट में से 39 सीट एनडीए के खाते में आई थी. अब जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा है और इसका असर चुनाव पर भी पड़ता दिखाई देने लगा है.


सीवोटर के ताजा सर्वे के मुताबिक बिहार में यूपी को जबरदस्त फायदा हुआ है. अगस्त 2022 में यूपीए को महज 5 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान लगाया गया था, जो 6 महीने बाद आए सर्वे में 47 प्रतिशत पहुंच गया है. वोट प्रतिशत बढ़ने का असर सीटों पर भी दिखा है. जनवरी 2023 के सर्वे में कांग्रेस के गठबंधन की लोकसभा सीटें 2019 में एक के मुकाबले बढ़कर 25 हो गई हैं. 6 महीने पहले 2022 के अगस्त में किए सर्वे में गठबंधन को एक भी सीट नहीं मिल रही थी. ऐसे में 25 सीटों की बढ़त के बाद कांग्रेस के लिए बड़ी खुशखबरी है.


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