Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को 2024 को लेकर सभी पार्टियों ने अपना अभियान शुरू कर दिया है. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए हैट्रिक के लिए जोर लगा रहा है तो मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए विपक्षी लामबंदी तेज हो गई है लेकिन इसकी राह इतनी आसान नहीं दिख रही है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार का ताजा बयान कुछ ऐसा ही संकेत दे रहा है.


राजनीति भी दिलचस्प चीज है. जरा सोचिए कि किसी पार्टी का राष्ट्रीय कन्वेंशन चल रहा हो और उसके मंच पर दूसरे दलों के नेता बोल रहे हों. पटना में चल रहे सीपीआई-एमएल का राष्ट्रीय कन्वेंशन में ऐसा ही नजारा सामने आया जब इसके मंच पर जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार बोलने को आए. इस मंच से नीतीश कुमार ने विपक्षी एकजुटता को लेकर बड़ा बयान दिया.


100 सीट पर सिमट जाएगी बीजेपी- नीतीश
बिहार सीएम ने कहा, अगर हम सब मिल जाएं तो बीजेपी 100 से भी कम सीट पर सिमट जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि मैंने दिल्ली जाकर सोनिया गांधी और राहुल से मुलाकात की थी. अब कांग्रेस को फैसला लेना है और उसे देरी नहीं करनी चाहिए. 


नीतीश कुमार के इस बयान के साथ ही एक सवाल भी खड़ा होता है कि आखिर कांग्रेस क्यों विपक्ष को एकजुट करने में देरी कर रही है. इसका जवाब कुछ-कुछ इसी मंच पर दिए गए तेजस्वी यादव के भाषण से मिल जाता है.


तेजस्वी मांग रहे ड्राइविंग सीट
सीपीआई-एमएल के राष्ट्रीय कन्वेंशन में आरजेडी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी संबोधन दिया. इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों को ड्राइविंग सीट पर आने देना चाहिए. तेजस्वी ने कहा कि जहां कांग्रेस सीधे मुकाबले हैं, वहां वह टक्कर ले.


तेजस्वी के इस बयान के मायने हैं. दरअसल कांग्रेस इस समय सबसे बुरे दौर में है. यही वजह है कि विपक्ष में पीएम पद के लिए कई दावेदार खड़े हो रहे हैं. इनमें एक प्रमुख नाम नीतीश कुमार का है. आरजेडी और जेडीयू नीतीश कुमार का नाम पीएम पद के लिए आगे करना चाहते हैं. इसी मंच पर बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा था, "मेरी प्रधानमंत्री पद को लेकर कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है.' यानी यहां भी नीतीश कुमार ने गेंद सहयोगियों के पाले में डाल दी है. 


तेजस्वी की केजरीवाल से मुलाकात
पेंच सिर्फ पीएम पद को लेकर ही नहीं है. बिहार में महागठबंधन की सहयोगी आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी. तेजस्वी यादव और अरविंद केजरीवाल दोनों ने इसे बहुत ही उपयोगी मुलाकात बताया था. अरविंद केजरीवाल भी राष्ट्रीय फलक पर छाने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं. 


एक तरफ जहां नीतीश कुमार कांग्रेस को एकजुटता का संदेश दे रहे हैं, वहीं सरकार में उनके सहयोगी दल के नेता 'आप' के साथ मुलाकात कर रहे हैं. ये कुछ ऐसी बाते हैं जो एकजुटता पर सवाल उठा रहे हैं. इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से भी खुद को दूर ही रखा था.


यह भी पढ़ें


2024 में अपने दम पर 300 पार जाएगी बीजेपी या रहेगी अंदर, जानिए क्या कह रहे 6 महीने में हुए 3 सर्वे