Lok Sabha Election 2024 Latest News: कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली लोकसभा सीट से बीजेपी ने उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला कांग्रेस नेता राहुल गांधी से होने वाला है. कांग्रेस ने रायबरेली से राहुल और अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है. 


ब्लॉक प्रमुख के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले दिनेश प्रताप सिंह वर्तमान में योगी आदित्यनाथ सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत समाजवादी पार्टी से 2004 में की थी.


सपा से शुरू किया राजनीतिक सफर


2004 में इन्होंने समाजवादी पार्टी की तरफ से विधान परिषद का चुनाव लड़ा. इसके बाद 2007 में इन्होंने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर तिलोई निर्वाचन क्षेत्र से यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद दिनेश प्रताप सिंह ने कांग्रेस में अपनी किस्मत आजमाई. कां


ग्रेस के टिकट पर 2010 में पहली बार पार्षद बने. 2011 में इनकी भाभी जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं. 2016 में एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर पार्षद बने और इनके भाई जिला पंचायत अध्यक्ष बने. यही नहीं, इनके एक भाई 2017 में कांग्रेस के टिकट पर हरचंदपुर से विधायक बने.


2019 में लड़ चुके हैं सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव


दिनेश प्रताप सिंह 2019 में बीजेपी में शामिल हो गए और लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा. हालांकि उन्हें यहां से जीत नहीं मिली, लेकिन करीब चार लाख वोट हासिल करके इन्होंने सबका ध्यान खींचा.


रायबरेली अब कांग्रेस का गढ़ नहीं: दिनेश प्रताप


टिकट मिलने के बाद दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, "बीजेपी ने मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता पर भरोसा किया है और इसके लिए मैं पार्टी को धन्यवाद देता हूं. मैं वादा करता हूं कि इस भरोसे को खोने नहीं दूंगा." उन्होंने आगे कहा कि रायबरेली कभी कांग्रेस का गढ़ रहा होगा, लेकिन जब से मोदी जी ने देश की कमान संभाली है, मैं कह सकता हूं कि कांग्रेस का एक भी ग्राम प्रधान रायबरेली में जिला पंचायत चुनाव तक नहीं जीत सका है. अब रायबरेली बीजेपी का गढ़ है."


'फर्जी गांधीवादियों ने रायबरेली का भरोसा तोड़ा'


उन्होंने कहा, "अगर मैं सोनिया के खिलाफ चुनाव लड़कर उन्हें कड़ी चुनौती दे सकता हूं तो प्रियंका गांधी कैसे प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं. उनके पास कोई भारतीय मूल्य नहीं हैं और वह हमारी संस्कृति से दूर हैं. अगर वह आती हैं तो निश्चित रूप से उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा." 


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