नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शराब बनाने वाली कंपनियों को बिहार में पड़े अपने स्टॉक हटाने के लिए 31 मई तक की मोहलत दी है. बिहार में हर तरह की शराब बेचना और पीना बैन है. जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस ए एम खानविलकर की सदस्यता वाली पीठ ने यह आदेश तब पारित किया जब कुछ शराब निर्माताओं ने कई याचिकाएं दाखिल करके राज्य में पड़े अपने पुराने स्टॉक हटाने की समयसीमा बढ़ाने की मांग की.

सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि बिहार सरकार के एक्साइज डिपार्टमेंट ने 30 मार्च को एक प्रस्ताव पारित किया जिसके मुताबिक निर्माताओं को अपने स्टॉक हटाने के लिए एक महीने का वक्त दिया गया था. सुनवाई के दौरान आवेदकों के वकील ने कहा कि वे 30 मार्च के प्रस्ताव की शर्तों का पालन करेंगे, लेकिन एक महीने की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए.

पीठ ने कहा, ‘‘उक्त स्थिति को देखते हुए स्टॉक हटाने की समयसीमा बढ़ाकर 31 मई 2017 तक की जाती है.’’ सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्तूबर में पटना हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी थी जिसमें हर तरह की शराब बेचने और पीने पर पाबंदी लगाने का कानून रद्द कर दिया गया था.