Amit Shah Karnataka Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक दिवसीय दौरे पर कर्नाटक में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर बीजेपी आलाकमान की ओर से विराम लगाने का प्रयास किया गया. अमित शाह ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से सत्ता में बने रहने और अगला विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़े जाने की बात कही. मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि शाह का यह आश्वासन उन पर (बोम्मई पर) विश्वास जताये जाने को प्रदर्शित करता है.


इस बीच, कुछ पार्टी नेताओं ने राज्य मंत्रिमंडल में जल्द ही विस्तार या फेरबदल की उम्मीद भी जताई. ऐसी उम्मीद थी कि शाह इस दौरे पर बीजेपी की चुनाव को लेकर तैयारियों का आकलन करेंगे और पार्टी नेताओं तथा पदाधिकारियों को कड़ा संदेश दे सकते हैं. कुछ दिन पहले शाह ने 2023 के राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के वास्ते 150 सीटों का लक्ष्य निर्धारित किया था.


क्या लिंगायत समुदाय को साधने की कोशिश कर रही है बीजेपी ?


पार्टी के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के आधिकारिक आवास पर आयोजित भोज में बीजेपी के चुनिंदा नेताओं से ही बात की. उनके इस दौरे की शुरुआत 12वीं सदी के समाज सुधारक और लिंगायत समुदाय के संत बसवेश्वर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि के साथ हुई. उनके इस कदम को लिंगायत समुदाय से संपर्क साधने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है जिसकी राज्य में बड़ी आबादी रहती है.


इस समुदाय को सत्तारूढ़ बीजेपी के मजबूत वोट-बैंक के रूप में देखा जाता है. नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील समेत कई बड़े नेताओं ने मुख्यमंत्री बदले जाने की संभावना को खारिज कर दिया.


क्या नेतृत्व में परिवर्तन के बारे में सोच रहा है बीजेपी आलाकमान ?


कटील ने कहा कि नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी में कोई संशय की स्थिति नहीं है और बीजेपी बोम्मई के नेतृत्व में और येदियुरप्पा के मार्गदर्शन में एक टीम की तरह चुनाव में उतरेगी. हालांकि, बीजापुर शहर के बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल ने दावा किया कि आलाकमान राज्य सरकार को अधिक प्रभावी बनाने तथा भ्रष्टाचार के आरोपों से निपटने के लिए बड़े बदलाव के बारे में सोच रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘यह 10 मई से पहले हो सकता है.’’


गौरतलब है कि पाटिल को येदियुरप्पा का मुखर आलोचक माना जाता है और मुख्यमंत्री पद से उनके हटने के बारे में सबसे पहले पूर्वानुमान पाटिल ने ही व्यक्त किया था. बीजेपी के संगठन महासचिव बी एल संतोष ने रविवार को कहा था कि पार्टी की ताकत नये चेहरों को शामिल करने में है. इसके बाद राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें शुरू हो गयी थीं.


क्या कर्नाटक मंत्रीमंडल में फेरबदल की इजाजत देंगे अमित शाह ?


मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर बोम्मई ने संकेत दिया था कि वह शाह से उनके दौरे के समय इस बाबत चर्चा करेंगे. कर्नाटक के कुछ विधायक राज्य में गुजरात की तरह राज्य मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल की वकालत कर रहे हैं. येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा कि शाह इस बारे में फैसले की घोषणा कर सकते हैं या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं से दिल्ली में चर्चा के बाद ऐसा कर सकते हैं.


सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच शाह से किसी तरह की चर्चा होने की उम्मीद कर रहे पार्टी नेताओं, विधायकों और विधायकों को ऐसा नहीं होने पर निराशा हुई है. मुख्यमंत्री आवास पर भोज में शामिल बीजेपी के विधान परिषद सदस्य ए एच विश्वनाथ से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘अच्छा खाना था. अमित शाह ने हाथ मिलाकर हालचाल पूछा. बस इतना ही. और किसी विषय पर बातचीत नहीं हुई.’’


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