India-Maldives Controversy: लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने सोमवार (8 जनवरी) को कहा कि मालदीव के तीन डिप्टी मंत्रियों के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों ने भारत की गरिमा को चुनौती दी. पटेल ने कहा कि भारत कभी भी इस तरह की अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने पीएम मोदी के साथ एकजुटता से खड़े होने के लिए भारत के लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने मालदीव के मंत्रियों की आलोचना भी की. 


एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, जब उनसे पूछा गया कि मालदीव सरकार से सार्वजनिक माफी की मांग की जा रही है. इस पर पटेल ने कहा कि जिन मंत्रियों ने टिप्पणी की थी, उन्हें सबक सिखा दिया गया है. प्रशासक ने कहा कि मंत्रियों को उनकी हरकत के लिए सजा मिल चुकी है. इससे पता चलता है कि भारत अपने पीएम का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि फिल्मी हस्तियों से लेकर आम नागरिकों तक ने एकजुटता से खड़े होकर मालदीव को करारा जवाब दिया है.


क्या है पूरा मामला? 


दरअसल, मालदीव ने मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अबदुल्ला माहजूम माजिद को पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी के लिए सरकार ने उनके पदों से सस्पेंड कर दिया. पीएम मोदी ने जब लक्षद्वीप का दौरा करने के बाद तस्वीरें शेयर कीं, तो इन लोगों ने अपमानजनक टिप्पणी की. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि भारत की भी बुराई गई की. इस वजह से सोशल मीडिया पर बायकॉट मालदीव अभियान की शुरुआत हो गई. लोगों ने मालदीव के मंत्रियों की आलोचना की. 


ट्रैवल बुकिंग कंपनी ईजमाईट्रिप ने मालदीव के लिए सभी फ्लाइट्स बुकिंग को कैंसिल कर दिया. ऐसा भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए किया गया. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार की तरफ से सस्पेंशन वाला कदम तब उठाया गया, जब भारत ने साफ कर दिया कि उनके मंत्रियों का बयान बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मालदीव सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि वह खुद को मंत्रियों के बयान से अलग करती है. उनके बयान को निजी राय बताया गया. 


मालदीव उच्चायुक्त को किया गया तलब


सोमवार को मालदीव के उच्चायुक्त इब्राहिम साहिब को विदेश मंत्रालय ने समन भी भेजा. उन्हें मंत्रालय में बुलाया गया और चल रहे विवाद से अवगत कराते हुए मंत्रियों के बयान पर आपत्ति जताई गई. मालदीव के उच्चायुक्त को बताया गया कि द्वीपीय देश ने द्वीपक्षीय रिश्ते खराब कर दिए हैं और इन्हें सुधारने की जिम्मेदारी मालदीव के राष्ट्रपति की है. उन्हें कहा गया कि तीनों मंत्रियों को सस्पेंड नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए. 


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