नई दिल्ली: भारत और चीन के कोर कमांडर्स के बीच दसवें दौर की बैठक शनिवार देर रात दो बजे तक चली. दोनों देशों के बीच दूसरे चरण के डिसइंगेजमेंट पर 16 घंटे तक बातचीत हुई‌. दोनों देशों के कोर कमांडर्स ने पहले चरण के डिसइंगेजमेंट पर संतोष जताया. दूसरे चरण के लिए पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी के डेपसांग प्लेन, गोगरा और हॉट स्प्रिंग में दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटना पर बातचीत हुई. बातचीत का नतीजा क्या रहा है, इसपर अभी जानकारी नहीं दी गई है.


आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक शनिवार सुबह 10 बजे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की तरफ मोल्दो सीमा क्षेत्र में शुरू हुई जो देर रात दो बजे खत्म हुई. भारत इस दौरान क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग जैसे क्षेत्रों से भी सैन्य वापसी पर जोर दिया. कोर कमांडर लेवल की इस बैठक को पहले चरण के डिसइंगेजमेंट के पूरा होने के बाद शुरू होना था. पहले चरण में पैंगोग से दोनों देशों की सेनाएं अपने-अपने पोस्ट पर लौट गई हैं. दोनों तरफ से डिसइंगेजमेंट की वीडियो ग्राफी भी की गई है.


9 महीने से जारी है गतिरोध
भारत-चीन के बीच सैन्य गतिरोध को नौ महीने हो गए हैं. दोनों देशों के बीच पिछले साल पांच मई को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक संघर्ष के बाद सैन्य गतिरोध शुरू हुआ था. फिर हर रोज बदलते घटनाक्रम में दोनों पक्षों ने भारी संख्या में सैनिकों और घातक अस्त्र-शस्त्रों की तैनाती कर दी थी. गतिरोध के लगभग पांच महीने बाद भारतीय सैनिकों ने कार्रवाई करते हुए पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर क्षेत्र में मुखपारी, रेचिल ला और मगर हिल क्षेत्रों में सामरिक महत्व की कई पर्वत चोटियों पर तैनाती कर दी थी.


नौवें दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने विशेषकर पैंगोंग झील के उत्तरी क्षेत्र में फिंगर 4 से फिंगर 8 तक के क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की वापसी पर जोर दिया था. वहीं, चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर पर सामरिक महत्व की चोटियों से भारतीय सैनिकों की वापसी पर जोर दिया था. समझौते के बाद दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है. अस्त्र-शस्त्रों, अन्य सैन्य उपकरणों, बंकरों और अन्य निर्माण को भी हटा लिया है. 10वें दौर की वार्ता में चर्चा का मुख्य बिंदु अन्य इलाकों से भी वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का था. दोनों पक्षों ने इसके लिए तौर-तरीकों पर चर्चा की. पैंगोंग झील क्षेत्र से सैन्य वापसी की प्रक्रिया 10 फरवरी को शुरू हुई थी जो गत गुरुवार को पूरी हो गई थी.


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