केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने उभरते व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए है. इसके साथ उन्होंने टेक-सक्षम खतरों का मुकाबला करने के लिए आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षण को तेजी से अपनाने पर जोर दिया और सुरक्षित लद्दाख के लिए आधुनिक उपकरणों, इंटेलिजेंस-आधारित पुलिसिंग भी पर जोर दिया. 

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उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने व्हाइट-कॉलर आतंकी मॉड्यूल के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत और प्रौद्योगिकी-संचालित पुलिसिंग ढांचे का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि ये ऐसे नेटवर्क हैं, जो हिंसा के खुले कृत्यों के बजाय फंडिंग चैनलों, लॉजिस्टिकल सहायता और परिष्कृत योजना के माध्यम से काम करते हैं.

लेह के चोगलमसर में लद्दाख पुलिस की ओर से आयोजित एक सम्मेलन-सिफारिशों 2025 के प्रसार और कार्यान्वयन पर दो दिवसीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए, उपराज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि व्हाइट-कॉलर आतंकी मॉड्यूल एक उभरती हुई सुरक्षा चुनौती का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसके लिए बेहतर खुफिया जानकारी जुटाने, वित्तीय-ट्रेल ट्रैकिंग, साइबर सतर्कता और एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय की आवश्यकता है. उन्होंने आधुनिक जांच उपकरणों की त्वरित तैनाती और उन्नत प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि पुलिस बल अपरंपरागत और प्रौद्योगिकी-सक्षम खतरों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित रहे.

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लद्दाख के सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने पर उपराज्यपाल ने दिया जोर

उपराज्यपाल ने कहा कि लद्दाख की अनूठी वास्तविकताएं- इसकी रणनीतिक स्थिति, चुनौतीपूर्ण जलवायु, सीमित कनेक्टिविटी और तेजी से बदलता सुरक्षा माहौल, पारंपरिक पुलिसिंग से प्रौद्योगिकी-सक्षम, खुफिया-आधारित और समुदाय-सहभागी सक्रिय पुलिसिंग की ओर बदलाव की आवश्यकता है.

सम्मेलन को लद्दाख के सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताते हुए, उन्होंने आधुनिक जांच उपकरणों, उन्नत प्रशिक्षण और डेटा-संचालित निर्णय लेने को तत्काल अपनाने पर जोर दिया ताकि पुलिस उभरते, टेक-सक्षम खतरों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहे.

कट्टरपंथ की बढ़ती चुनौतियों पर बोले उपराज्यपाल

उपराज्यपाल ने कट्टरपंथ की बढ़ती चुनौती पर भी प्रकाश डाला और पुलिस से युवाओं की सुरक्षा और लद्दाख की सामाजिक सद्भाव की रक्षा के लिए सामुदायिक जुड़ाव, जागरूकता अभियान, शैक्षिक पहुंच और प्रारंभिक हस्तक्षेप तंत्र को प्राथमिकता देने का आग्रह किया. विकसित भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप सुरक्षित लद्दाख के लिए एक रोडमैप की रूपरेखा बताते हुए, उन्होंने कहा कि क्षेत्र की सुरक्षा वास्तुकला को मजबूत खुफिया प्रणालियों, साइबर सतर्कता, आधुनिक बुनियादी ढांचे, AI-संचालित निगरानी, भू-स्थानिक खुफिया, उन्नत संचार उपकरणों और मजबूत सामुदायिक साझेदारी पर बनाया जाना चाहिए. 

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक पुलिसिंग के लिए स्ट्रक्चर्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम, फील्ड एक्सरसाइज और iGOT जैसे डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म के जरिए स्किल्स को लगातार अपग्रेड करने की जरूरत है, ताकि लद्दाख पुलिस के जवान बदलते हालात के हिसाब से ढल सकें और मजबूत बने रहें.

देश के लिए एक मॉडल के रूप में उभरेगी लद्दाख पुलिस- उपराज्यपाल

पर्यटन प्रबंधन, सार्वजनिक व्यवस्था और सीमा सुरक्षा में लद्दाख पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और सतर्क सीमा पुलिसिंग केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए बहुत जरूरी है. सम्मेलन की चर्चाओं को एक्शन-ओरिएंटेड और परिणाम-केंद्रित बताते हुए उपराज्यपाल ने अधिकारियों से स्पष्ट, मापने योग्य और लागू करने योग्य सिफारिशें तैयार करने का आग्रह किया. केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से पूर्ण समर्थन का आश्वासन देते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लद्दाख पुलिस एक आधुनिक, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित बल के रूप में विकसित होगी और देश के लिए एक मॉडल के रूप में उभरेगी.

लद्दाख के डीजीपी ने पीएम मोदी के निर्देश का किया जिक्र

इससे पहले, डीजीपी लद्दाख डॉ. एसडी सिंह जामवाल ने अपने संबोधन में भुवनेश्वर में आयोजित अखिल भारतीय डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन 2025 के बारे में जानकारी दी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया था कि पुलिसिंग कौशल और दक्षता में सुधार के लिए सम्मेलन की सिफारिशों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रसारित और लागू किया जाए. 

उन्होंने कहा कि लद्दाख से संबंधित सिफारिशें जैसे आपदा प्रबंधन, अपराध नियंत्रण, साइबर अपराध, पर्यटकों की सुरक्षा, कानून और व्यवस्था दक्षता, बेहतर पुलिसिंग के लिए प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म और नए आपराधिक कानून- दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान प्रतिभागियों के साथ साझा और उन पर विचार-विमर्श किया गया.

सम्मेलन का क्या रहा सारांश

प्रिंसिपल पीटीसी स्टोंगसर अल्ताफ शाह ने सम्मेलन का सारांश प्रस्तुत किया, जिसमें डीजीपी/आईजीपी सिफारिशों के कार्यान्वयन, iGOT कर्मयोगी प्रशिक्षण, NATGRID, CCTNS 2.0, UTDRF के साथ आपदा प्रबंधन, आधुनिक दंगा-रोधी और भीड़ नियंत्रण तकनीकें, नशीले पदार्थों की जांच के उपकरण, जुल्ले टूरिस्ट ऐप के माध्यम से पर्यटकों की सुरक्षा और लद्दाख पुलिसिंग को मजबूत करने में AI और OSINT की भूमिका पर प्रकाश डाला गया.

लेह-कारिगल रेंज के प्रभारी DIG ने दी जानकारी

लेह-कारगिल रेंज के प्रभारी डीआईजी विकास कुमार ने उपराज्यपाल को दो दिवसीय सम्मेलन के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी, जबकि डीजीपी के स्टाफ ऑफिसर फरहान जहानजेब नकाश ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया. इस मौके पर उपस्थित लोगों में आईजी NWF ITBP अकून सभरवाल, प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश लेह स्पालजेस अंगमो, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, न्यायिक अधिकारी और संसाधन व्यक्ति शामिल थे.

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