हल्द्वानी के बहुचर्चित बनभूलपुरा रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट में तय सुनवाई बीते दिन टल गई. अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी. इस मामले पर पूरे हल्द्वानी सहित प्रदेश के लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह हजारों लोगों के पुनर्वास और भविष्य से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ मुद्दा है.

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दरअसल, सोमवार (8 दिसंबर, 2025) को बनभूलपुरा रेलवे भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई प्रस्तावित थी, लेकिन किसी कारणवश मामले को सूचीबद्ध नहीं किया जा सका और सुनवाई आगे बढ़ा दी गई. इससे क्षेत्र में रहने वाले लोग और प्रशासन दोनों एक बार फिर अगली तारीख की प्रतीक्षा में हैं.

क्या है पूरा मामला?बनभूलपुरा क्षेत्र की गफूर बस्ती, इंदिरा नगर, नई बस्ती और रेलवे पटरी से सटे इलाकों की करीब 29 हेक्टेयर भूमि पर रेलवे अपना अधिकार बताता है. रेलवे का दावा है कि इस जमीन पर वर्षों में अवैध रूप से निर्माण हुए हैं और बड़ी आबादी ने बिना अनुमति कब्जा कर रखा है. दूसरी ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि वे 40-50 वर्षों से यहां रह रहे हैं, उनके पास बिजली-पानी कनेक्शन, राशन कार्ड, आधार कार्ड जैसे दस्तावेज भी मौजूद हैं, जो उनकी लंबे समय की बसावट का प्रमाण देते हैं.

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मामले की शुरुआत तब हुई जब हल्द्वानी निवासी रविशंकर जोशी ने वर्ष 2022 में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. हाईकोर्ट ने रेलवे की मांग को उचित मानते हुए भूमि को अतिक्रमणमुक्त करने के निर्देश दिए. इस आदेश के बाद इलाके में तनाव बढ़ने लगा और प्रभावित लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर राहत की मांग की.

सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2023 में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई थी और मामले की विस्तृत सुनवाई जारी है. अब अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी, जिससे लोगों को उम्मीद है कि कोई ठोस दिशा तय हो सकेगी.

 

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