कोलकाता के रोज वैली चिटफंड घोटाले मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कंपनी और उसके निरीक्षक गौतम कुंडू समेत 5 लोगों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र कोर्ट के सामने पेश किया है. आरोप है कि इन लोगों ने सजेशन आम लोगों का पैसा अपने अवैध चिटफंड में लगवाया और फिर हडप कर गए.


आज का पूरक आरोपपत्र त्रिपुरा में की गई घोटाले बाजी को लेकर है. सीबीआई ने यह मामला माननीय त्रिपुरा हाई कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया था. सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक आज जिन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया उनमें रोज वैली रियल स्टेट एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी उसके चेयरमैन गौतम कुंडू और अन्य निवेशक शिवा मूवी दत्ता अशोक कुमार साह और रामलाल गोस्वामी के नाम शामिल हैं.


कंपनी के नाम पर कई बैंक खाते खोले


सीबीआई के मुताबिक क्योंकि इस कंपनी का शाखा कार्यालय त्रिपुरा के जिला गोमती के अंतर्गत अमरपुर में भी है लिहाजा आज का आरोप पत्र त्रिपुरा के जिला गोमती के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष किया गया. सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक जांच में पता चला कि आरोपियों ने कंपनी अधिनियम व सेबी विनियमनों के उल्लंघन में भारी संख्या में निवेशकों से प्लाट या लैंड बुकिंग के नाम पर प्रमाण पत्र जारी कर जमाओं के रुप में 31,49,28,885/-रु.(लगभग) की भारी धनराशि कथित रुप से एकत्र की.


आगे यह आरोप है कि आरोपियों ने उक्त कोलकाता स्थित निजी कंपनी के तहत कई अन्य कम्पनियां बनाई और इन कंपनियों के निदेशक बने. इन आरोपियों ने घाटे में चल रही समूह कम्पनियों में जानबूझकर धनराशि को भेजा और कंपनी के नाम पर कई बैंक खाते खोले. इन बैंक खातों के जरिए अपनी आवश्यकता के अनुसार धनराशि को हस्तांतरित किया.


आरोपी अवैध धन परिचालन स्कीम चलाया करते थे


जांच से यह भी पता चला कि आरोपी कंपनी के व्यापार की सच्चाई व व्यवहारिकता के विपरीत, समूह की उच्च लाभकारिता के बारे में गलत तरीके से प्रचारित किया करते थे. उन्होंने एक के ऊपर एक भारी संख्या में एजेंटों को नियुक्त किया और कंपनी (जमाओं को स्वीकार करने) के नियमों का उल्लघंन करते हुए कमीशन के उच्च प्रतिशत और प्रोत्साहन का लालच देकर उन्हें जमाओं को एकत्र करने के लिए प्रेरित किया.


आरोपी अवैध धन परिचालन स्कीम चलाया करते थे जो कि  इनामी चिट और धन परिचालन स्कीम( पाबंदी) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित था. आरोपियों ने निजी कंपनी की कई स्कीमों में निवेशकों को धन निवेशित करने के लिए प्रेरित किया. निवेशकों के द्वारा जमा कराई गई धनराशि को समूह की घाटे में चलने वाली सहयोगी कम्पनियों में भेजा.


आरोपी कंपनी की अमरपुर शाखा, त्रिपुरा के निवेशकों को उनके निवेश को वापस न करके धोखाधड़ी की और आरोपियों के द्वारा करोड़ों रुपए हड़प लिए गए. ध्यान रहे कि रोज वैली चिटफंड घोटाले में सीबीआई इसके पहले भी अनेकों आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है और कुछ मामलों की जांच अभी भी जारी है.


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