कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा है कि चक्रवाती तूफान ‘यास’ से प्रभावित लोगों के पुनर्वास और राहत के लिए अपने फंड से 1,000 करोड़ की सहायता राशि खर्च की है. बता दें कि यास से प्रभावित तटीय इलाकों के तीन जिले हैं. ममता बनर्जी ने में बड़े स्तर पर मई में तूफान से हुई तबाही के लिए केंद्र सरकार से 20,000 करोड़ की मांग की थी लेकिन राहत पैकेज का छोटा हिस्सा भी नहीं मिलने पर उन्होंने खेद जताया.


ममता ने केंद्र पर सहायता राशि नहीं देने का लगाया आरोप


उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार 300 करोड़ रुपये की सहायता की बात कर रही है. उन्होंने ये राशि चक्रवात राहत के रूप में नहीं बल्कि राज्य के बकाया अग्रिम धन के हिस्से के तौर पर दी थी.’’ मुख्यमंत्री ने तूफान प्रभावित दीघा-शंकरपुर तटीय इलाके में 114 दुकानों की मरम्मती और 52 मोबाइल वेंडिंग कार्ट के वितरण का भी एलान किया है. उन्होंने जानकारी दी कि 364.3 करोड़ पूर्वा मेदनीपुर जिले में आपदा से प्रभावित लोगों के लिए राज्य की तरफ से खर्च किया गया. उन्होंने दीघा और सुंदरबन के लिए मास्टर प्लान बनाने की घोषणा की, और इस सिलसिले में 24 सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है.


300 करोड़ रुपये राज्य के बाकी अग्रिम धन के तौर पर मिला


ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बार-बार अपील के बावजूद केंद्र सरकार ने पश्चिट मेदीनीपुर के घाटल के लिए अभी तक फंड जारी नहीं किया है. कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण की तरफ रुख मोड़ते हुए उन्होंने कहा कि राज्य को हर किसी को दोनों डोज के साथ पूरी तरह टीका लगवाने और कोरोना की तीसरी लहर के लिए 14 करोड़ डोज की आवश्यकता है, लेकिन केंद्र ने अब तक मात्र 2.12 करोड़ डोज दिया है. मुख्मंत्री ने बताया, "अन्य 18 लाख वैक्सीन की ख़रीदारी हमारी तरफ से हुई थी लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को ज्यादा वैक्सीन मिल रही है. केंद्र की एक वेबसाइट के मुताबकि, 2.5 करोड़ पश्चिम बंगाल में गुरुवार तक लगाए जा चुके हैं. 


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