नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर हर रोज कई फोटो, वीडियो और मैसेज वायरल होते हैं. वायरल हो रहे इन फोटो, वीडियो और मैसेज के जरिए कई चौंकाने वाले दावे भी किए जाते हैं. ऐसा ही एक दावा तस्वीर की शक्ल में सोशल मीडिया पर सनसनी बढ़ा रहा है.


सोशल मीडिया पर विज्ञापन की शक्ल में घूमती एक तस्वीर के जरिए दावा है कि भारत में पहली बार वेज चिकन की एंट्री हुई है. विज्ञापन में सबसे ऊपर कंपनी का नाम लिखा हुआ है, 'वेजले क्वालिटी वेजिटेरियन फूड, भारत में पहली बार वेज चिकन'


वायरल हो रहे विज्ञापन में जानकारी दी गई थी कि लोग 13 मार्च से लेकर 17 मार्च तक इस वेज चिकन का लुत्फ उठा सकते हैं. इसके लिए उन्हें दिल्ली के प्रगति मैदान में लगे आहार इंटरनेशनल फूड और हॉस्पिटेलिटी फेयर में आना होगा.


एबीपी न्यूज़ ने की वायरल तस्वीर की पड़ताल
एबीपी न्यूज़ड पड़ताल के लिए तस्वीर में बताए पते पर पहुंचा. प्रगति मैदान में लगा वेजले का फूड काउंटर हमें मिला. पड़ताल में पता चला कि ये कंपनी शुद्ध शाकाहारी उत्पादों का निर्माण करती है. इनके सभी खाने के उत्पादों में सोया मुख्य होता है.


एबीपी न्यूज़ ने वेज चिकन की सच्चाई जानने के लिए वेजले कंपनी के मार्केटिंग हेड अमित बजाज से बात की. अमित बजाज ने बताया, "वेजले शुद्ध शाकाहारी उत्पाद ही बनाती है. एक उम्र के बाद डॉक्टर डाइट में मांसाहार कम करने को कहते हैं. वेजले के पास वो तमाम उत्पाद हैं जो दिखने में मांसाहार जैसे हैं, ये उत्पाद खाने में भी मांसाहार जैसे लगेंगे. सोया की दाल को प्रोसेस करके ये बनाया गया है. इसमें प्रोटीन ज्यादा है, फैट कम है, ये उत्पाद आसानी से डाइजेस्ट हो जाते हैं.''


अमित बजाज ने आगे बताया, "जुबान स्वाद के मामले में बहुत जिद्दी होती है. जुबान को वैसा ही स्वाद और न्यूट्रिशियन वाला खाना मिल जाए. इसलिए उसका नाम वेज चिकन रखा गया. जो लोग मांसाहार छोड़ना चाहते हैं या डॉक्टर डाइट में मांसाहार कम करने को कहते हैं. शाकाहारी लोग भी इसे खाकर मांसाहार को महसूस कर सकते हैं."


यानि कंपनी के सभी उत्पाद सोया से बनाए गए हैं और अगर कोई शाकाहारी रहते हुए मांसाहारी खाने का मजा लेना चाहे तो कंपनी के मुताबिक ये वेज चिकन उनके लिए है. हमारी पड़ताल में वेज चिकन वाला दावा सच साबित हुआ है.