आज पेश होने वाले बजट पर हर किसी की नजर बनी हुई है. बीता साल नौकरीपेशा और मिडिल क्लास के लिए चुनौतियों भरा साल रहा है. ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि सरकार इस बजट में टैक्स में छूट देकर लोगों को राहत देगी. अब से कुछ ही देर में बजट को पेश किया जाएगा.


आइये जानते हैं बजट में आपके लिए क्या कुछ खास है. सरकार आपको इस बजट में क्या देने वाली है


देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट पर कहा कि, "भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए ये दशक बहुत महत्वपूर्ण है. हमें और वित्त मंत्री जी को अलग-अलग पैकेज के रूप में एक प्रकार से 4-5 मिनी बजट देने पड़े. यानि 2020 एक प्रकार से लगातार मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा. इसलिए ये बजट भी उन 4-5 बजट की श्रंखला में ही देखा जाएगा, ये मुझे पूरा विश्वास है."


आइये जानते हैं इस बार बजट में मिडिल क्लास से लेकर, गरीबों और कॉरपोरेट के लिए क्या कुछ होगा


मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए  खासकर नौकरीपेशा लोगों के लिए बीता साल बेहद बुरा रहा है. कोरोना में लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था जिस तरह पटरी से उतरी और लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं उसके बाद से ही लोगों की जेब खाली है. ऐसे में लोगों को इस बार बजट में टैक्स में छूट को लेकर सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं. टैक्स छूट को लेकर सरकार क्या कुछ कर सकती है, समझे.


ऐसे संकेत हैं कि बजट में इस बार सरकार टैक्स में छूट के नाम पर कोई बहुत बड़ा ऐलान नहीं करने वाली है. लेकिन आम जनता को राहत देने के लिए सरकार टैक्स में थोड़ा बहुत छूट दे सकती है. बजट से पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वे में भी सरकार ने टैक्स के मोर्चे पर लोगों को राहत देने के संकेत दिए हैं.


आर्थिक सर्वे में भी कहा गया है कि सरकार को टैक्स में छूट देनी चाहिए जिससे आम लोगों के पास ज्यादा पैसा बचे और ये खर्च के तौर पर बाजार में आए. इससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी. सरकार ने कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टरों को भी टैक्स राहत देने के संकेत दिए हैं.


टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव के संकेत नहीं


बजट में हर बार लोगों की नजर इनकम टैक्स स्लैब पर होती है लेकिन जानकारों की मानें तो इस बार टैक्स स्लैब में कोई खास और बड़े बदलाव की संभावना नहीं है. लेकिन माना जा रहा है कि सरकार ऐसा कुछ जरूर करेगी. जिससे लोग नई टैक्स व्यवस्था का हिस्सा बनें. पिछले साल सरकार ने दो तरह की टैक्स व्यवस्था बनाई थी. नई और पुरानी में से एक को चुनने का विकल्प दिया गया था. लेकिन टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सिर्फ 20 फीसदी करदाता ही नई टैक्स व्यवस्था का हिस्सा बने. और इसीलिए सरकार कुछ ऐसे कदम उठा सकती है. जिससे लोग नई टैक्स व्यवस्था से जुड़ें.


80C में छूट बढ़ सकती है


मिडिल क्लास के ज्यादातक लोग म्यूचुअल फंड, पीपीएफ और जीवन बीमा पॉलिसी जैसी स्कीम में निवेश करते हैं. इसमें आपको टैक्स की बचत भी होती है. इस बार बजट में 80C की लिमिट बढ़ाकर 2 या 2.5 लाख रुपये तक की जा सकती है. फिलहाल 80C के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है.


स्वास्थ्य के क्षेत्र पर फोकस


कोरोना की वजह से इस बार सरकार का फोकस मेडिकल सुविधाओं पर ज्यादा है. इसीलिए इस बार स्वास्थ्य बजट का दायरा बढ़ाया जा सकता है. माना जा रहा है कि जो स्वास्थ्य बजट अभी तक जीडीपी का 1.25% रहता था, उसे बढ़ाकर जीडीपी के 2% तक किया जाएगा. इसके अलावा कोरोना की मुफ्त वैक्सीन के लिए बजट आवंटित किया जा सकता है. मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रह्मण्यम का कहना है कि, "देश में सस्ते इलाज के लिए निजी अस्पतालों को लेकर एक रेगुलेटर बनाने की जरूरत है."


मेडिकल इंश्योरेंस में छूट मुमकिन


जब आप अपने या अपने परिवार के लिए मेडिकल इंश्योरेंस करवाते हैं तो उस पर आपको टैक्स की छूट मिलती है. लेकिन कोरोना के दौर में लोगों का मेडिकल खर्च काफी बढ़ा है. माना जा रहा है कि मेडिकल इंश्योरेंस के लिए आप जो प्रीमियम देते हैं सरकार उसमें टैक्स छूट बढ़ा सकती है.


आयात शुल्क में बढ़ोतरी संभव


बजट में सरकार के आत्मनिर्भर भारत की झलक भी नजर आएगी. सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर चीन को तगड़ा झटका दे सकती है. सूत्रों के मुताबिक, आयात शुल्क में बढ़ोतरी 5-10% तक की हो सकती है. जिन उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाया जा सकता है उनमें मोबाइल फोन फर्नीचर, कैंडल्स शामिल हैं.


कृषि सेक्टर में बड़ी योजनाओं का ऐलान संभव


देश में इस वक्त किसान एक बड़ा मुद्दा है. मोदी सरकार पहले भी किसानों के हित में कई कदम उठा चुकी है. इस बार बजट में भी खेती-किसानी से जुड़े लोगों के लिए काफी कुछ किया जा सकता है. किसानों को मदद करने के लिए कृषि सेक्टर में बड़ी योजनाओं का ऐलान संभव है.


इसके अलावा रीयल एस्टेट सेक्टर को रफ्तार देने और राहत पहुंचाने के लिए भी कुछ कदम उठाए जा सकते हैं जिससे अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके. कोरोना काल से सीख लेते हुए डिजिटल एजुकेशन पर भी सरकार फोकस करके कुछ नई योजनाओं पर काम शुरू कर सकती है.


घरेलू मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को राहत देने के लिए इंसेन्टिव बढ़ा सकती है


विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार नियम-कानून को थोड़ा आसान बना सकती है.


कोरोना सरचार्ज लगा सकती है


कोरोना सरचार्ज लग सकता है. कोरोना काल में सरकार का राजस्व काफी कम रहा है. ऐसे में सरकार अपना राजस्व बढ़ाने के लिए कोरोना सरचार्ज लगा सकती है. हालांकि जितने बड़े पैमाने पर कोरोना काल में लोगों का रोजगार छिना है उसे देखते हुए यह सरचार्ज सब पर लागू नहीं होगा. वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सालाना 50 लाख रुपए या इससे ज्यादा कमाने वाले लोगों पर कोरोना सरचार्ज लगाने पर विचार किया जा सकता है.


LTCG टैक्स बढ़ सकता है 


म्यूच्युअल फंड और स्टॉक्स की बिक्री पर जो मुनाफा होता है. उस पर सरकार LTCG यानि लॉन्ग टर्म कैपिटन गेन टैक्स वसूलती है. मौजूदा समय में LTCG टैक्स 10 फीसदी है. सरकार इसको बढ़ाकर 12 से 15% के बीच कर सकती है. नौकरीपेशा और मिडिल क्लास के अलावा बजट में हर वर्ग के लोगों के लिए कुछ ना कुछ जरूर होगा. चाहें वो बुजुर्ग हों, बच्चे हों, महिलाएं हों, नौजवान हों या फिर किसान. लेकिन ये तय है कि इस बजट में आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करने के लिए काफी कुछ नज़र आने वाला है.


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