Parliament Special Session 2023: संसद के विशेष सत्र के बीच सोमवार (18 सितंबर) की शाम केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई. सूत्रों के मुताबिक बैठक में संसद के सत्र को मंगलवार (19 सितंबर) से पुराने भवन से नए संसद भवन में ले जाने के लिए स्वीकृति दी जाएगी. इसके साथ ही संसद भवन का कामकाज नई इमारत में कल से ही शुरू हो जाएगा.
हालांकि, बहुत से लोगों के मन में अभी नए संसद भवन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं जैसे कि नई संसद जरूरत क्या है, इसे किसने बनाया और इसकी खासियत क्या है? अगर आप भी संसद भवन की नई इमारत के बारे में जानना चाहते हैं, तो आज हम आपको इससे जुड़ी हर जानकारी देने जा रहे हैं.
स्वतंत्र भारत की पहली संसदइस बात में कोई शक नहीं कि पुराने संसद भवन की इमारत बेहद शानदार है. इसमें भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली की ताकत झलकती है. संसद भवन ने औपनिवेशिक शासन से लेकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम देखा. पुरानी इमारत स्वतंत्र भारत की पहली संसद है और इसमें भारत ने अपने संविधान को अपनाया.
6 साल में बनी संसदभारत का पुराना संसद भवन एक औपनिवेशिक युग की इमारत है. इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया गया था. इसके निर्माण में छह साल लगे थे. इसके निर्माण का काम 1921 में शुरू हुआ था और 1927 तक चला. संसद भवन में पार्लियामेंट म्यूजियम का निर्माणइसे मूल रूप से काउंसिल हाउस कहा जाता था. इस इमारत में इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल भी थी. 1956 में जब संसद भवन में और जगह की जरूरत महसूस होने लगी तो इसमें दो और मंजिलें जोड़ी गईं. भारत की 2,500 साल पुरानी लोकतांत्रिक विरासत को दिखाने के लिए इसमें पार्लियामेंट म्यूजियम जोड़ा गया. इसे आधुनिक बनाने के लिए काफी हद तक मॉडिफाई किया गया.
काउंसिल हाउस के लिए ब्लूप्रिंटइमारत के आकार के बारे में प्रारंभिक विचार-विमर्श के बाद हर्बर्ट बेकर और सर एडविन लुटियंस ने एक गोलाकार आकार को अंतिम रूप दिया गया. माना जाता है कि इसका डिजाइन मध्य प्रदेश के मुरैना स्थित चौसठ योगिनी मंदिर के डिजाइन से प्रेरित था, हालांकि इसका कोई प्रमाण नहीं हैं.
नई संसद भवन की जरूरत क्यों?पुरानी संसद भवन लगभग 100 साल पुरानी है. ऐसे में पिछले कुछ सालों में संसदीय गतिविधियां, उसमें काम करने वाले लोगों और विजिटर्स की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है. साथ ही इसमें स्पेस की कमी भी है. इसके अलावा सीवर लाइनों, एयर कंडीशनिंग, अग्निशमन, सीसीटीवी, ऑडियो वीडियो सिस्टम जैसी चीजों का खासा ध्यान नहीं रखा गया था. साथ ही इसमें आज के समय के मुताबिक आवश्यक टेक्नोलॉजी की भी कमी है.
पुराने भवन में सांसदों के लिए कम जगहपुराने भवन के दोनों सदन को समायोजित करने के लिए डिजाइन नहीं किया गया था. 1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन के आधार पर लोकसभा में सीटों की संख्या 545 है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. वहीं, 2026 के बाद इसमें वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि सीटों की कुल संख्या पर रोक केवल 2026 तक है. इसमें सांसदो के बैठने की व्यवस्था तंग और बोझिल है. इसके सेंट्रल हॉल में केवल 440 लोगों के बैठने की क्षमता है. जब संयुक्त सत्र आयोजित होते हैं तो सीटों की समस्या बढ़ जाती है.
नई इमारत का डिजाइननए संसद भवन का डिजाइन त्रिभुजाकार बनाया गया है. यह देश के 135 करोड़ भारतीयों की महत्वकांक्षाओं को रिफ्लेक्ट करता है. इसे 65 हजार स्क्वायर मीटर में बनाया गया है. नई इमारत में 888 सीटों तक की क्षमता वाला लोकसभा हॉल बनाया गया है. साथ ही इसमें 384 सदस्यों के बैठने के लिए राज्यसभा हॉल बनाया गया है. संसद के संयुक्त सत्र के दौरान लोकसभा में 1,272 लोग बैठ सकते हैं.
किस थीम पर बनाया गया है संसद भवन?लोकसभा हॉल को मोर की थीम पर डिजाइन किया गया है, जबकि राज्यसभा हॉल को कमल थीम पर बनाया गया है, जो भारत के राष्ट्रीय फूल का प्रतीक है.
कॉन्स्टिटूशनल हॉल इसके अलावा संसद में एक अत्याधुनिक कॉन्स्टिटूशनल हॉल का भी निर्माण किया गया है. इसमें सिंबोलिक और फिजिकली तौर पर भारतीय नागरिकों की लोकतांत्रिक प्रोसेस में स्थिति को दर्शाया गया है.इमारत में लेटेस्ट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी से सुसज्जित अत्याधुनिक ऑफिस बनाए गए हैं.
एडवांस कमेटी रूमनए संसद भवन में बड़े कमेटी रूम बनाए गए हैं. इनमें अत्याधुनिक ऑडियो-विज़ुअल डिवाइस लगाए गए हैं. यह एक बेहतरीव लाइब्रेरी एक्सपीरियंस प्रदान करते हैं. इसका प्लैटिनम-रेटेड ग्रीन बिल्डिंग डिजाइन पर्यावरणीय के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दिखाता है.
दिव्यांग फ्रेंडलीइसके अलावा नया संसद भवन भारतीय विरासत का प्रतिनिधित्व करेगा. इसमें सांस्कृतिक और क्षेत्रीय कला और शिल्प सहित आधुनिक भारत की वाइब्रेंट और डाइवर्सिटी शामिल है. नए भवन के परिसर के भीतर दिव्यांग लोग आजादी से घूम सकेंगे. वहीं, इसके सेंट्रल लाउंज में एक ओपन कोर्ट बनाया गया है, जहां संसद के सदस्य आपस में बातचीत कर सकेंगे.
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