UPA Vice President Candidate: राष्ट्रपति (Presidential Election2022) और उप राष्ट्रपति चुनाव (Vice President Election) की सरगर्मी के बीच विपक्ष ने भी उप राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. विपक्ष ने कांग्रेस (Congress) नेता मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. कर्नाटक (Karnataka) के मेंगलुरू में जन्मी 80 साल की अल्वा गोवा, गुजरात, राजस्थान और उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. यूपीए (UPA) की ओर से उनके नाम का ऐलान शरद पवार ने (Sharad Pawar) किया. इससे पहले शनिवार को पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल जगदीप धनखड़ NDA की तरफ से उप राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया था.


एक बात गौर करने वाली है कि राजस्थान में अगले साल चुनाव होने वाले हैं और दोनों ही पक्षों से ऐसे उम्मीदवारों की घोषणा की गई जिनका संबंध राजस्थान से है. एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ राजस्थान के झुंझनू से हैं तो यूपीए उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा यहां की राज्यपाल रह चुकीं है. सक्रिया राजनीति से मार्गेरेट अल्वा गायब ही रही हैं. हालांकि उनकी गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में की जाती है. एक बार उन्होंने कांग्रेस से अपने बेटे के लिए टिकट मांगा था लेकिन उस समय दिग्विजय सिंह के बनाए नियमों की वजह से टिकट नहीं मिल पाया और उन्होंने नाराज होकर सक्रिय राजनीति से किनारा कर लिया. आइए जानते हैं उनसे जुड़े कुछ विवाद और उपलब्धियां-


सबस पहले उनकी उपब्धियों की बात कर लेते हैं-


मार्गरेट अल्वा की उपलब्धियां


मार्गरेट अल्वा का जन्म 14 अप्रैल 1942 को कर्नाटक के मेंगलुरु में हुआ था. वो कांग्रेस की वरिष्ठ नेता है और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की आम सचिव भी हैं. उनको मर्सी रवि अवॉर्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है. ये सम्मान उन्हें सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में किसी महिला की ओर किए अहम योगदान के लिए साल 2012 में मिला था. वो उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल के रूप में काम भी किया है. इसके बाद वो राजस्थान की राज्यपाल भी रह चुकी है. इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने तो उन्हें वहां के स्वाधीनता संग्राम में रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ने में अपना समर्थन देने के लिए राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया था.


मार्गरेट अल्वा से जुड़े कुछ विवाद


मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) के जीवन से जुड़े सम्मान की बात करने के बाद अब उनसे जुड़े कुछ विवाद की बात कर लेते हैं. उनसे जुड़ा हुआ एक मशहूर विवाद है जब साल 2008 में उन्होंने अपनी ही कांग्रेस (Congress) पार्टी पर टिकटों की खरीद फरोख्त का आरोप लगा दिया था. इसके बाद उनको पार्टी से बाहर कर दिया गया. इसके अलावा इन्होंने अपने बेटे के लिए भी टिकट मांगी थी और जब टिकट नहीं मिली तो इन्होंने पार्टी को छोड़ दिया और सक्रिय राजनीति से भी सन्यास ले लिया था. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) पर भी बयान दिया था कि तो क्या वो 45 की उम्र में देश का प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं.  


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