तिरुवनंतपुरम: केरल में सत्तारूढ़ माकपा के नेतृत्व वाला वाम लोकतांत्रिक मोर्चा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. इस चुनाव में पलक्कड विधानसभा सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई थीं. दरअसल यहां से बीजेपी ने ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर ई श्रीधरन को उम्मीदवार बनाया था. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. दिलचस्प यह रहा कि शुरुआती रुझानों में ई श्रीधरन दो बार के विधायक शफी परामबिल से आगे चल रहे थे लेकिन अंत में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.


कांग्रेस उम्मीदवार शफी परमबिल एक बार फिर यह सीट जीतने में सफल रहे. परमबिल को 42534 (38.71%) वोट मिले जबकि श्रीधरन 41561 (37.83%) वोट ही हासिल कर पाए. चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए ई श्रीधरन ने कहा था कि उनका मुख्य लक्ष्य केरल में पार्टी को सत्ता में लाना है और पार्टी के जीतने पर वह मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए तैयार रहेंगे.


केरल में मुख्य मुकाबला कांग्रेस की लीडरशिप वाले यूडीएफ और लेफ्ट फ्रंट के एलडीएफ के बीच है. इस दक्षिणी राज्य में कम्युनिस्ट और कांग्रेस नीत यूडीएफ के बीच सत्ता की अदला-बदली के चार दशक पुराने चलन रहा है लेकिन इस बार एलडीएफ की जीत ने इस चलन को रोककर इतिहास बना दिया है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक केरल में एलडीएफ 99 सीटों पर जबकि यूडीएफ 41 सीटों पर आगे चल रहा है. वहीं बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए किसी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सका है. 


केरल में राजनीतिक तौर पर कम संभावनाएं होने के बावजूद बीजेपी ने इस राज्य में जीत के लिए जी-तोड़ मेहनत की थी. पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने राज्य में प्रचार किया लेकिन उसका खाता भी राज्य में नहीं खुल सका. 


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