Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सेना भवन परियोजना स्थल पर नए भारतीय सेना मुख्यालय के निर्माण के लिए 579 पेड़ों के प्रत्यारोपण (Transplant) और काटने (Cutting) के लिए अपनी मंजूरी दी है. रक्षा मंत्रालय ने दिल्ली कैंट में थल सेना भवन के निर्माण का प्रस्ताव दिया था मंत्रालय सेना के लिए अत्याधुनिक सुविधा के रूप में साइट को विकसित करना चाहता है इसमें कुछ पेड़ साइट के निर्माण में बाधा डाल रहे हैं.


ऐसे में मंत्रालय ने अपने अधिकारियों के माध्यम से, दिल्ली सरकार को एक पत्र लिखकर साइट को खाली करने के लिए 579 पेड़ों को दूसरी जगह पर स्थानांतरित करने और काटने की मंजूरी मांगी थी. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री के सामने रखा इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी मंजूरी दे दी.


3 महीने के भीतर केजरीवाल सरकार 5790 नए पौधे लगाएगी 


इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए दिल्ली सरकार ने कहा है कि 579 पेड़ों में से मंत्रालय 476 पेड़ों का प्रत्यारोपण करेगा, जबकि 103 पेड़ों की कटाई करेगा. प्रत्यारोपण चिन्हित परियोजना स्थल के अंदर होगा. दिल्ली सरकार ने आगे मंत्रालय से कहा है कि वह साइट पर उन पेड़ों के अलावा एक भी पेड़ को नुकसान न पहुंचाए. यदि अनुमोदित वृक्षों के अलावा कोई वृक्ष क्षतिग्रस्त होता है तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के अंतर्गत अपराध होगा.


दिल्ली सरकार ने पेड़ों को काटने और प्रत्यारोपण के बदले में रक्षा मंत्रालय के लिए 10 गुना पौधे लगाना अनिवार्य कर दिया है. रक्षा मंत्रालय पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए साइट के चारों ओर नए 5790 पौधे लगाएगा. इस प्रकार अब साइट पर 82 फीसदी पेड़ों के प्रत्यारोपण के अलावा 5790 नए पौधे लगाए जाएंगे. इन पेड़ों के स्थानान्तरण की अनुमति जारी होने की तारीख से 3 महीने के काम होगा. 


रक्षा मंत्रालय अगले सात वर्षों तक पेड़ों के रखरखाव की लेगा जिम्मेदारी


दिल्ली सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय अगले सात वर्षों तक पेड़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी लेगा. दिल्ली सरकार द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार,पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपण के बदले दिल्ली की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे. इनमें नीम, अमलतास, पीपल, गूलर, बरगद, देसी कीकर और अर्जुन प्रजाति के पौधे शामिल हैं. गैर वन भूमि पर 6-8 फीट ऊंचाई के पौधे को लगाए जाएंगे.


पेड़ों की कटाई के 90 दिनों के भीतर होगी


रक्षा मंत्रालय को आवश्यक शर्तों को पूरा करने के तुरंत बाद पेड़ों का ट्रांसप्लांट करना है. इस प्रक्रिया को शुरू करने के बाद 6 महीने के भीतर पूरा करना होगा. रक्षा मंत्रालय आगे पर्यवेक्षण के लिए वृक्ष अधिकारी को एक रिपोर्ट देगा. दिल्ली सरकार ने मंत्रालय से परियोजना के लिए ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी 2020 का पालन करने और उस पर नियमित प्रगति रिपोर्ट जमा करने को कहा है. यदि किसी पेड़ पर पक्षियों का बसेरा पाया जाता है तो उसे तब तक काटने या रोपने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि पक्षी पेड़ को छोड़ नहीं देते हैं. साथ ही, पेड़ों की कटाई के 90 दिनों के भीतर निकटतम श्मशान घाट में पेड़ों की लकड़ियों को मुफ्त में पहुंचाया जाएगा.


ये भी पढ़ें- Budget 2023: 'सरकार आम आदमी को भूल गई', abp बजट कॉन्क्लेव में बोले कांग्रेस नेता शशि थरूर