Shashi Tharoor on Union Budget 2023: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने अपनी चिर-परिचित अलहदा शैली में केंद्रीय बजट की आलोचना की है. एबीपी न्यूज के बजट कॉन्क्लेव में थरूर ने कहा कि Budget 2023 एंटी क्लाइमेक्टिक (Anti Climactic) है. जब उनसे पूछा गया कि 'एंटी क्लाइमेक्टिक का मतलब क्या है' तो उन्होंने कहा, ''अगर बहुत सारी प्रतीक्षा है तो क्लाइमेक्स पर जा सकते हैं लेकिन अगर प्रतीक्षा से बहुत कम पहुंचे हैं तो एंटी क्लाइमेक्स हो गया.. तो एंटी क्लाइमेक्टिक कह सकते हैं.''


बजट से थरूर की क्या उम्मीदें थीं, इसे लेकर उन्होंने कहा, ''हमने सोचा वैसे भी चुनाव आने वाला है एक साल में तो सरकार बहुत कुछ दे देगी आम आदमी को, मिडिल क्लास को वगैरह.. सबको संतुष्ट करेगी लेकिन हमें तो सुनने के बाद पता चला कि बिल्कुल यह सरकार तो आम आदमी को भूल गई है. अब देखिए कहां-कहां उन्होंने पैसे दे दिए हैं और कहां कट किए हैं. इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए, हमारे हाईवे के लिए, पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स वगैरह के लिए तो बहुत पैसे अलग कर रहे हैं, ये अच्छी बात है लेकिन कहां से काटकर कर रहे हैं, आप देख लीजिए.'' 


'जो कहा था वही हुआ'


कांग्रेस नेता ने कहा, ''मनरेगा.. जो हमारे ग्रामीण देश में बेरोजगारों का हक है, उन्हें सौ दिन का रोजगार मिल जाए, उनको अभी सबसे रिकॉर्ड लो पर बजट किया हुआ है. पिछले साल जब सरकार 75 हजार करोड़ के बजट ले आई थी तो मैंने भाषण में कहा लोकसभा में कि देखिए ये काफी नहीं होंगे, मैं श्योर हूं कि आप वापस आएंगे, सप्लीमेंट्री मांगें रखेंगे और यही हुआ. आखिर में करीब 90 हजार करोड़ तक उनको मांगने पड़े पैसे क्योंकि लोग काम चाहते हैं, जिनके पास रोजगार नहीं है.'' 


शशि थरूर का वीडियो



'पढ़े-लिखे लोग भी बेरोजगार बैठे हैं'


बता दें कि कॉन्क्लेव में सांसद शशि थरूर ने बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रमुखता से मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि देश में पढ़े-लिखे और डिप्लोमा धारक लोग भी बेरोजगार बैठे हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ रोड बनाने वाले के लिए सरकार काम करेगी तो यह उनके लिए अच्छी बात है, लेकिन देश में कितने ही लोग हैं, जिनके लिए रोजगार के अवसर नहीं है.


थरूर ने मध्य प्रदेश का एक उदाहरण गिनाया. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने कॉन्टेबल के लिए इश्तेहार दिया. करीब आठ हजार लोगों को काम पर रखा जाना था. उसके लिए एक लाख चालीस हजार लोगों ने आवेदन किया, जिनमें से 90 पीएचडी लोग भी थे, इंजीनियर थे, डॉक्टर भी थे. उन्होंने कहा कि जरूरी यह है कि हमारे देश में सब लोगों को काम मिल जाए.


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