नई दिल्ली: कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर आज गृहमंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक की. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एएसए) अजीत डोभाल, आईबी प्रमुख अरविंद कुमार और केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.


बैठक में जम्मू कश्मीर के वर्तमान हालात पर चर्चा हुई. अनुच्छेद 370 हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटकर दोनों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) को केंद्र शासित प्रदेश बनाये जाने के फैसलों के बाद डोभाल 10 दिनों तक घाटी में रुके थे.


कश्मीर घाटी से लौटने के बाद डोभाल की अमित शाह के साथ यह पहली बैठक है. उन्होंने हालात पर व्यक्तिगत रूप से नजर रखा था. एक अधिकारी ने बताया कि एनएसए ने गृहमंत्री को जम्मू कश्मीर की संपूर्ण स्थिति के बारे में बताया. डोभाल अब एक बार फिर जम्मू-कश्मीर जाएंगे.





घाटी में खुले स्कूल
कश्मीर में आज प्रतिबंधों में छूट दी गई और कुछ स्कूल खुले. लेकिन स्कूलों में ज्यादा छात्र नहीं दिखे. अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने श्रीनगर में 190 प्राथमिक स्कूलों को खोलने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं जबकि घाटी के अधिकतर हिस्सों में सुरक्षा बल अब भी तैनात हैं.


सभी निजी स्कूल आज सोमवार को लगातार 15वें दिन भी बंद रहे क्योंकि पिछले दो दिन से यहां हुए हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर अभिभावक सुरक्षा स्थिति को लेकर आशंकित हैं. केवल बेमिना स्थित ‘पुलिस पब्लिक स्कूल’ और कुछेक केन्द्रीय विद्यालयों में ही थोड़े बहुत छात्र पहुंचे.


एक अभिभावक फारूक अहमद डार ने कहा, ‘‘ स्थिति इतनी ज्यादा अनिश्चित है कि अभी बच्चों को स्कूल भेजने का सवाल ही नहीं उठता.’’ बारामुला जिले के अधिकारियों ने बताया कि पांच शहरों में स्कूल बंद रहे. बाकी जिले में स्कूल खुले हैं.


अधिकारी ने कहा, ‘‘ पट्टन, पल्हालन, सिंहपूरा, बारामुला और सोपोर में प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दी गई है. जिले में बाकी जगह प्राथमिक स्कूल खुले थे. कितने छात्र स्कूल पहुंचे इस संबंध में हम जानकारी हासिल कर रहे हैं.’’


श्रीनगर जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपनगर में कुछ स्कूल खुले रहे लेकिन पिछले दो दिन में हुई हिंसा के कारण पुराने शहर और सिविल लाइन्स इलाकों में स्कूल बंद रहे. अधिकारियों ने सोमवार से प्राथमिक स्तर तक के स्कूल खोलने और सभी सरकारी कार्यालयों में काम शुरू करने की योजना बनाई थी.


केन्द्र सरकार के पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद से श्रीनगर के जिन इलाकों में शांति कायम रही वहां से पुलिस ने बैरिकेड हटा दिए हैं. घाटी में बाजार बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से गायब रहे. प्रतिबंधों में ढील के बाद से शहर में निजी वाहनों की आवाजाही बढ़ी है.