कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही राजनीतिक हलचल के बीच तुमकुरु से एक अहम घटनाक्रम सामने आया है. यहां अलग-अलग समुदायों के संतों और मठाधीशों ने एकजुट होकर राज्य के गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की है. यह बैठक ऐसे समय पर हुई है, जब राज्य की राजनीति नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति में है.

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यह अहम बैठक तुमकुरु के कोल्लापुरदम्मा कल्याण मंडप में आयोजित की गई, जहां लिंगायत, वोक्कालिगा, पिछड़ा वर्ग और दलित समाज से जुड़े मठों के संत मौजूद रहे. संतों का मानना है कि तुमकुरु जिले को अब तक राज्य की सर्वोच्च राजनीतिक जिम्मेदारी नहीं मिल पाई है और यह मौका उस कमी को दूर करने का है.

डॉ. जी परमेश्वर को मुख्यमंत्री बनाने की मांग

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बैठक में संतों ने खुलकर कहा कि डॉ. जी परमेश्वर को मुख्यमंत्री बनाए जाने से न सिर्फ तुमकुरु बल्कि पूरे कर्नाटक को फायदा होगा. उनका कहना था कि परमेश्वर एक अनुभवी नेता हैं और उन्होंने हमेशा समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर राजनीति की है. संतों के अनुसार, उनका नेतृत्व राज्य में संतुलित और समावेशी विकास को आगे बढ़ा सकता है.

समावेशी राजनीति का उदाहरण माने जाते हैं परमेश्वर

संतों ने डॉ. जी परमेश्वर की सोच और कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि वे जाति और वर्ग से ऊपर उठकर काम करने वाले नेता हैं. उनका मानना है कि ऐसे नेता की जरूरत कर्नाटक को इस समय सबसे ज्यादा है, जो सभी समुदायों का भरोसा जीत सके और स्थिर सरकार दे सके.

कांग्रेस हाईकमान से की गई अपील

बैठक के दौरान संतों ने कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से अपील की कि मुख्यमंत्री चयन में जमीनी हकीकत और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखा जाए. संतों का कहना था कि डॉ. जी परमेश्वर को जिम्मेदारी सौंपना राज्य की राजनीति के लिए सकारात्मक कदम साबित होगा.

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