लोकमत नेशनल कॉन्क्लेव 2025 और लोकमत पार्लियामेंट्री अवॉर्ड्स (छठा संस्करण) का आयोजन आज दिल्ली के नए महाराष्ट्र सदन में हुआ. इन दोनों आयोजनों ने राजनीति, न्यायपालिका, मीडिया और समाज के बीच सार्थक संवाद के साथ-साथ संसद में उल्लेखनीय योगदान देने वाले जनप्रतिनिधियों के सम्मान का प्रभावी मंच प्रदान किया. इस कॉन्क्लेव में ‘विकसित भारत’ की संकल्पना, लोकतंत्र के समक्ष उभरती चुनौतियां और संवैधानिक संस्थाओं की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत हुई.
कॉन्क्लेव के बाद आयोजित लोकमत पार्लियामेंट्री अवॉर्ड्स समारोह में संसद में प्रभावी भूमिका निभाने वाले लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को सम्मानित किया गया. यह अवॉर्ड पिछले पांच सालों से संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने में योगदान देने वाले जनप्रतिनिधियों को दिया जा रहा है. इस अवॉर्ड की ज्यूरी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि ये जनप्रतिनिधियों को दिया जाना वाला सबसे विश्वसनीय और निष्पक्ष अवॉर्ड है. ज्यूरी में सभी पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल थे और काफी गहन विचार विमर्श के बाद सांसदों को चुना गया है.
कार्यक्रम में कौन-कौन रहें मौजूद
इस मौके पर पूर्व CJI बी आर गवई, पूर्व चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, समेत तमाम राजनीतिक दलों के सांसद, वरिष्ठ पत्रकार और सार्वजनिक जीवन की प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं. अवॉर्ड ज्यूरी में लोकसभा सांसद सौगत राय, भर्तृहरि महताब, निशिकांत दुबे, कनिमोझी करुणानिधि, राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा, जया बच्चन, वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त समेत लोकमत मीडिया समूह के वरिष्ठ संपादकीय प्रतिनिधि शामिल थे.
पूर्व CJI बी आर गवई का बयान
मंच से पूर्व CJI बी आर गवई ने कहा कि संविधान के तहत संसद लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण पिलर है. हमारा संविधान, पॉलिटिकल जस्टिस और सोशल जस्टिस के लिए है.न्यायपालिका ने भी काफी हद तक संविधान को upheld किया है. लोकतंत्र के सभी तीन पिलर में कभी कभी तनाव भी पैदा हो जाते हैं, लेकिन सभी जनता की भलाई के लिए काम करते हैं. कभी कभी किसी केस में निर्णय लेने में तकलीफ आ जाती है कि बैलेंसिंग कैसे करें? लेकिन हम न्याय की तरफ ही झुकते हैं. हालांकि ये भी है कि हमें जो न्याय लगता है कभी कभी वो बाकी लोगों को नहीं लगता है. एक पार्टी जीत जाती है तो उसको निर्णय सही लगता है और जो हार जाता है उसको गलत लगता है.
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का मजाकिया अंदाज
CJI के बाद केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने अपने मजाकिया अंदाज में CJI के बारे में कहा कि आप सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बन गए थे, लेकिन मैं अभी भी अपनी पार्टी का चीफ हूं. मैं जब तक हूं तब तक मैं ही अपनी पार्टी का चीफ रहूंगा. अगर कोई मुझे Bypass करने की कोशिश करेगा तो मैं उसे Bypass कर दूंगा. अब आप किस पार्टी में जाने वाले हैं, मुझे नहीं पता लेकिन हमारे समुदाय से कोई CJI बना ये गर्व की बात है.
आठवले की राजनीतिक सूझबूझ
इसके बाद आठवले ने अभी राजनीतिक सूझबूझ का उदाहरण देते हुए कहा कि जब कांग्रेस की सत्ता थी तो मैं इनके साथ था अब महाराष्ट्र में मैं बीजेपी, शिवसेना के साथ हूं. मैं जिसके साथ होता हूं उसको ही सत्ता मिलती है, इसलिए पार्टियां में मेरी चलती है. आठवले ने कहा कि महाराष्ट्र में क्या होने वाला है? हम गठबंधन में साथ रहेंगे या नहीं , लेकिन यहां सभी पार्टियों के सांसदों को अवॉर्ड मिल रहा है और मैं इस पर नजर रखे हुए हूं कि मेरे पार्टी से किसी को अवॉर्ड मिलता है या नहीं.
अवार्ड पाने वाले सांसदों की लिस्ट:
- Best Debutant Women Parliamentarian Lok Sabha of the Year: कैराना से समाजवादी पार्टी सांसद इकरा चौधरी
- Best Women Parliamentarian of the Year Lok Sabha: संगीता कुमारी सिंहदेव
- Best Parliamentarian Of the Year Lok Sabha: जगदंबिका पाल
- Life Time Achievement Award Of the Year Loksabha: टी आर बालू
- Best Debutant Women Parliamentarian Rajya Sabha: सुधा मूर्ति
- Best Women Parliamentarian of the Year Rajya Sabha: डोला सेन
- Best Parliamentarian Of the Year Lok Sabha: संजय सिंह
- Lifetime Achievement Award Of the Year Rajya sabha: दिग्विजय सिंह
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