Prajwal Revanna Disqualified:: जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना को सोमवार (11 सितंबर) को कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) से बड़ा झटका लगा. कोर्ट ने उनकी संसद सदस्यता अमान्य घोषित करने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हाई कोर्ट ने बीती 1 सितंबर को चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने के लिए प्रज्वल रेवन्ना को अयोग्य घोषित किया था.


पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना ने एक सितंबर के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी ताकि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सकें. उन्हें चुनाव कदाचार का दोषी पाते हुए, हाई कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग को चुनाव प्रक्रिया नियमों के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था. 


कोर्ट ने पिछले हफ्ते फैसला रखा था सुरक्षित


प्रज्वल रेवन्ना के आवेदन पर पिछले सप्ताह जस्टिस के नटराजन ने फैसला सुरक्षित रखा था. जिसे सोमवार को सुनाया गया. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बीजेपी उम्मीदवार ने प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ याचिका दायर की थी. जिस पर कोर्ट ने उनकी सदस्यता को अमान्य करार दिया था. 


प्रज्वल रेवन्ना के चुनाव को चुनौती देने वाले दो याचिकाकर्ताओं में से एक- ए मंजू ने रोक के आवेदन का विरोध नहीं किया. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर प्रज्वल के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले मंजू अब जेडीएस में हैं. 


2019 में लोकसभा चुनाव जीतने वाले एकमात्र जेडीएस सदस्य


इस मामले में अन्य याचिकाकर्ता, वकील देवराजेगौड़ा ने इस आधार पर आवेदन का विरोध किया था कि यह अन्य राजनेताओं के लिए एक मिसाल कायम करेगा जो भ्रष्टाचार के लिए अयोग्य हैं. प्रज्वल रेवन्ना 2019 के चुनाव में लोकसभा में जेडीएस के एकमात्र सदस्य चुने गए थे. याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए शिवानंद ने बताया था कि उन्हें अगले छह साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया गया था.


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