Karnataka Government Formation: कर्नाटक के निवर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार (17 मई) को कहा कि स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद नए मुख्यमंत्री पर जल्द फैसला करने में कांग्रेस की ‘अक्षमता’ उसकी आंतरिक स्थिति को दर्शाती है. उन्होंने कांग्रेस से सरकार गठन के मुद्दे को जल्द सुलझाने का आग्रह किया.


उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कर्नाटक के भावी मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में मंथन का दौर जारी है. अगले मुख्यमंत्री को लेकर तमाम प्रकार के कयास भी लगाए जा रहे हैं. कांग्रेस ने बुधवार दोपहर को कहा कि इस बारे में आज या गुरुवार (18 मई) को फैसला होने की संभावना है. राज्य में अगले 48 से 72 घंटे में नए मंत्रिपरिषद का गठन कर लिया जाएगा.


'यह पार्टी की आंतरिक स्थिति को दर्शाता है'
सीएम बोम्मई ने सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘लोगों ने कांग्रेस पार्टी को इस उम्मीद में वोट दिया था कि सरकार बदलने से राज्य के साथ-साथ लोगों में भी काफी समृद्धि आएगी. उन्होंने अभी तक मुख्यमंत्री को लेकर कोई फैसला नहीं किया है. यह उनका आंतरिक मामला है, मैं इस पर ज्यादा चर्चा नहीं करना चाहता.’’


उन्होंने दावा किया कि जल्दी मुख्यमंत्री चुनने में ‘असमर्थता’ कांग्रेस की स्थिति को दर्शाती है. उन्होंने कहा, ‘‘स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद पार्टी अपना नेता तय नहीं कर पा रही है. यह पार्टी की आंतरिक स्थिति को दर्शाता है. लोगों की आकांक्षाएं राजनीति से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. उन्हें (कांग्रेस को) नए मुख्यमंत्री और सरकार गठन के मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए.’’


 'समुदाय भी देख रहें'
कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद की दौड़ में दो प्रमुख दावेदार सबसे आगे हैं. मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार के बीच है. कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में 135 सीटें जीती हैं, जबकि बीजेपी 66 सीटों पर सिमट गई. यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस लिंगायत, वोक्कालिगा और अन्य समुदायों को सरकार में कितना प्रतिनिधित्व दे सकती है, बोम्मई ने कहा, ‘‘देखते हैं कि वे क्या करते हैं.’’


उन्होंने आरोप लगाया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी ने 10 मई को हुए चुनाव से पहले लिंगायत समुदाय को खुश करने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा, ‘‘खासकर कांग्रेस नेताओं ने लिंगायतों के बारे में बहुत कुछ बोला और उन्हें खुश करने की कोशिश की. आइए देखते हैं कि वे कौन से पद देते हैं, क्या वे मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री या मंत्री का पद देंगे. समुदाय भी देख रहा है.’’


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