Congress Protest against Central government: पश्चिम बंगाल की तरह कर्नाटक सरकार ने भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर राज्य का फंड रिलीज नहीं करने का आरोप लगाया है. इसके खिलाफ अब दिल्ली में आंदोलन की तैयारी हो रही है. सूबे के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने केंद्र सरकार पर कर्नाटक को उसके हिस्से की केंद्रीय आर्थिक सहायता देने में भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ सात फरवरी को नयी दिल्ली में प्रदर्शन करने की घोषणा की है. शुक्रवार (2 फरवरी) को उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकार के लिए यह आंदोलन होगा.


शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे तथा इसमें 136 विधायक, कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य और सांसद हिस्सा लेंगे. दिल्ली में इस आंदोलन की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के साथ भी तालमेल रखा जा रहा है.


दिल्ली में जुटेंगे कर्नाटक कांग्रेस के विधायक


शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व में कर्नाटक सरकार के सभी 136 विधायक, दो अन्य विधायक और विधान परिषद सदस्य, 6 फरवरी को नयी दिल्ली पहुंचेंगे तथा 7 फरवरी को प्रदर्शन करेंगे. हम चाहते हैं कि दिल्ली में केंद्र सरकार हमारी आवाज सुने.’’ उन्होंने कर्नाटक के सभी सांसदों से अपने राजनीतिक मतभेदों और दलीय संबद्धता को किनारे रखते हुए इस आंदोलन में भाग लेने की अपील की. कांग्रेस नेता के मुताबिक, दिल्ली में संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर सात फरवरी को प्रदर्शन की इजाजत मांगी गई है.


'कर्नाटक का 62,000 करोड़ रुपये का फंड बकाया'


दिल्ली में होने वाले इस विरोध प्रदर्शन का कारण बताते हुए शिवकुमार ने कहा, ‘‘पिछले पांच सालों में हमारे हिस्से (राज्य) का 62,000 करोड़ रुपये हम तक नहीं पहुंचा है. केंद्रीय आवंटन में कर्नाटक की हिस्सेदारी में यह कटौती ‘डबल इंजन’ सरकार के दौरान भी हुई थी, जब राज्य और केंद्र दोनों ही जगह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार सत्ता में थी.’’


प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि कर्नाटक के 236 में से 200 से अधिक तालुक गंभीर सूखे की चपेट में हैं, लेकिन अभी तक केंद्र ने राज्य को कोई राहत सहायता मंजूर नहीं की है. उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में राज्य के अधिकारों के लिए लड़ना बेहद जरूरी हो गया है.


बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने भी इसी तरह का आरोप लगाया है और  बंगाल के हिस्से का फंड रिलीज करने की मांग पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक दिन पहले शुक्रवार से ही केंद्र के खिलाफ कोलकाता में धरने पर बैठी हुई हैं.


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