नई दिल्ली: कर्नाटक में दोबारा सत्ता में वापसी के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खुद लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हैं. शाह आज पुराने मैसूर, चामराजनगर, मांड्या और रामानागर जिलों का दौरा करेंगे. जहां 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत सकी थी. जबकि इन जिलों में 26 विधानसभा सीटें आती हैं. हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस क्षेत्र का दो दिनों के लिए दौरा किया था.


पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य जेडीएस प्रमुख एचडी कुमारस्वामी और वरिष्ठ मंत्री डीके शिवकुमार का इस क्षेत्र में काफी प्रभावशाली माने जाते हैं. राज परिवार के उत्तराधिकारी यदुवीर कृष्णदत्ता चामराज वाडियार का भी राजनीतिक हस्तक्षेप रहा है. खबर है कि वह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं.


हालांकि उन्होंने मुलाकात को सिर्फ अटकल करार दिया है. उन्होंने कहा, ''मैं कई बार कह चुका हूं कि राजनीति में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है. किसी पार्टी में शामिल होने की कोई संभावना नहीं है.''


अमित शाह इस क्षेत्र में लिंगायत समुदाय के प्रमुख धार्मिक स्थल सुत्तूर मठ का भी दौरा करेंगे. वह गणपति सच्चिदानंद आश्रम भी जाएंगे. मुख्यमंत्री सिद्धरमैया भी आज से दो अप्रैल तक मैसूरू में चुनाव प्रचार करेंगे.


बीजेपी की नजर लिंगायत पर
राज्य की कांग्रेस सरकार ने 23 मार्च को लिंगायत को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने का फैसला किया था. राज्य में लिंगायत समुदाय की आबादी 17 प्रतिशत है और ऐसा माना जा रहा है कि सरकार ने यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव में इस समुदाय को लुभाने के लिए उठाया है. लिंगायत पर अब तक बीजेपी की पकड़ अच्छी रही है. ऐसे में कांग्रेस सरकार के फैसले से बीजेपी को काफी मशक्कत करना पड़ रहा है. कर्नाटक में बीजेपी का मुख्यमंत्री चेहरा बीएस येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से हैं.


कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 12 मई को होगा. चुनाव एक ही चरण में होंगे. कर्नाटक विधानसभा में 224 सीटें हैं. कांग्रेस के पास 122 और बीजेपी के पास 43 सीटें हैं. बीजेपी कर्नाटक को दक्षिण के प्रवेशद्वार के तौर पर देख रही है, जहां वह अपने आधार को बढ़ाना और 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लोकसभा सीटों के लिए अपनी जड़ें जमाना चाहती है. बीजेपी यहां 2008 से 2013 तक सत्ता में रही थी.


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