कर्नाटक के शिवमोगा में रविवार रात बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की हत्या का मामला सामने आया था. मृतक के अंतिम संस्कार के दौरान सोमवार को हिंसा की कुछ घटनाएं हुईं, जिसमें महिला पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हो गए. उपद्रवियों ने कई वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ कर आगजनी की. हालांकि पुलिस ने जल्द ही हालात पर काबू पा लिया. अब इस मामले में कर्नाटक के एडिशनल डीजीपी प्रताप रेड्डी का बयान सामने आया है. उनके मुताबिक पुलिस ने कुल 14 घटनाओं की पहचान की है. अब तक तीन एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं.


एडिशनल डीजीपी के मुताबिक पुलिस उन पीड़ितों की पहचान कर रही है, जिनके वाहनों या दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई. इन पीड़ितों की पहचान कर एफआइआर दर्ज की जाएगी. इससे पहले सोमवार को पुख्ता सुरक्षा इंतजाम के बीच अंतिम संस्कार के दौरान कुछ उपद्रवियों ने पथराव कर दिया. कुछ वाहनों को जलाने और क्षतिग्रस्त कर दिया. इसके अलावा कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की जानकारी सामने आयी थी. 


पुलिस ने बताया कि भारती कॉलोनी की रवि वर्मा गली में रविवार रात अज्ञात हमलावरों ने हर्षा नामक व्यक्ति की कथित तौर पर चाकू से वार करके हत्या कर दी. 23 साल का हर्षा बजरंग दल का कार्यकर्ता था. कई राजनेताओं ने इस घटना को हिजाब विवाद से जोड़ दिया है, जिसकी वजह से सियासी सरगर्मी भी बढ़ गई है. नेता एक दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं. 


ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री एवं शिवमोगा से विधायक केएस ईश्वरप्पा ने जिले के समुदाय विशेष के "गुंडों’’ पर हत्या का आरोप लगाया है. ईश्वरप्पा ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार पर भी आरोप लगाया कि ‘‘उनके बयान ने अल्पसंख्यक समुदाय में असामाजिक तत्वों को उकसाया.’’ जबकि पूर्व मुख्यमंत्री एचडी एच डी कुमारस्वामी ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को इस समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है और राज्य की शांति भंग करने का आरोप लगाया है. 


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