Terror Funding: जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकी फंडिंग के लिए पाकिस्तान में एमबीबीएस सीट बेचने के मामले में हुर्रियत से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार एमबीबीएस सीट में एडमिशन के बदले चार करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड जुटाया गया. जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह के अनुसार सीआईडी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि बड़ी संख्या में कश्मीरी छात्रों को हुर्रियत नेताओं ने पाकिस्तान भेजा था. जांच में पाया गया कि एमबीबीएस के लिए करीब 80 मामले ऐसे हैं जो पाकिस्तान गए और हर एक एडमिशन के बदले श्रीनगर में हुर्रियत नेताओं को 10-13 लाख रुपये का भुगतान किया गया. इस तरह यह कुल मिलाकर लगभग 4 करोड़ रुपये है.


कई जगहों पर छापेमारी


जांच के दौरान पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी भी की और तलाशी में बहुत सारे सबूत जुटाए गए. जिनमें डिजिटल रिकॉर्ड्स और पैसे के लेनदेन के सबूत भी शामिल हैं. प्राप्त सबूतों के आधार पर हुर्रियत से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिन की पहचान मोहम्मद अकबर भट, फातिमा शाह, मोहम्मद अब्दुल्ला शाह और सबजार अहमद शेख के तौर पर की गई है. जांच में पता चला कि मोहम्मद अब्दुल्ला शाह का भाई पाकिस्तान में रहता है और हुर्रियत का सक्रिय सदस्य है. सबजार का भाई भी पाकिस्तान में है और दोनों पाकिस्तानी सरकार से कश्मीरी बच्चों के लिए मुफ्त एमबीबीएस सीट के बारे में जानकारी जुटाकर एडमिशन के लिए जम्मू कश्मीर के बच्चों से पैसे वसूल करते थे.


जांच जारी


दिलबाग सिंह के अनुसार यह मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का एक बहुत बड़ा मामला है और इस मामले में अभी भी जांच चल रही है. दिलबाग सिंह ने कहा, 'हमारे पास पूरा डेटा नहीं है कि कौन ईस टेरर फंडिंग रूट के ज़रिये पढ़ाई के लिए पाकिस्तान गया है और कौन खुद गया है. और जब तक यह साफ़ नहीं होता तब तक शिक्षा के लिए गए किसी भी बच्चे को दोषी नहीं माना जाएगा" दिलबाग सिंह ने कहा. 


जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार पिछले कुछ समय में 57 ऐसे मामले सामने आए है, जहां कश्मीरी युवा वीजा पर गए थे लेकिन आतंकी बनकर वापस लौटे थे. इनमें से 17 आतंकवादी मारे गए. 14-15 अभी भी सक्रिय आतंकवादी हैं, जबकि बाकी सब को गिरफ्तार किया गया है. डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, '57 कोई फिक्स्ड संख्या नहीं है, यह संख्या हमारे संज्ञान में आई है और हो सकता है कि मामले और ज्यादा हो.' पुलिस के अनुसार पाकिस्तान में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों ने जांच का स्वागत किया है और कहा है कि पैसा हुर्रियत को गया था इसलिए इस की जांच होनी चाहिए.



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