Gulmarg Gondola: जन्नत-ए-कश्मीर में गुलमर्ग गंडोला की सवारी करने के लिए फर्जी टिकटों का इस्तेमाल कर रहे गुजरात के 11 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनके साथ एक स्थानीय टूरिस्ट गाइड भी शामिल है. इस महीने का ये दूसरा मामला है जब फर्जी टिकट के आरोप में पुलिस ने पर्यटकों को पकड़ा है. इससे पहले 14 अप्रैल को मुंबई से आए कम से कम 28 पर्यटकों के पास भी फर्जी टिकट मिले थे.  


अधिकारियों के मुताबिक, गुरुवार (27 अप्रैल) को गंडोला में कोंगडोरी से गुलमर्ग आने वाले एक स्थानीय गाइड के साथ गुजरात के 11 पर्यटकों को फर्जी और एडिटेड टिकट के साथ पकड़ा गया. अधिकारियों ने कहा कि पर्यटक टट्टू पर सवार होकर कोंगडोरी पहुंचे थे और फर्जी टिकटों पर गंडोला की सवारी का लुत्फ उठाना चाहते थे. फिलहाल पुलिस इन लोगों को गंडोला से गुलमर्ग लाई है.


फर्जी टिकट जारी करने वाला भी गिरफ्तार


गंडोला परियोजना के प्रबंध निदेशक गुलाम जिलानी ने कहा, "हमारे अधिकारी शौकत अहमद भट (परियोजना प्रभारी) और परवेज अहमद कुरैशी (टिकट प्रभारी) ने औपचारिकताएं पूरी कीं और मामले को पुलिस को सौंप दिया गया. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पर्यटकों को फर्जी टिकट जारी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है."


गंडोला प्रबंधन ने की जनता से अपील


इस बीच, गुलमर्ग गंडोला के प्रबंधन ने आम जनता और विशेष रूप से पर्यटकों से अनुरोध किया कि वे उन दलालों के बहकावे में न आएं जो उन्हें धोखा देते हैं और उन्हें नकली टिकट प्रदान करते हैं. जिलानी ने कहा, "गुलमर्ग गंडोला परियोजना की एक क्षमता है, जिसके परिणामस्वरूप हमने प्रति दिन टिकटों की संख्या को सीमित कर दिया है. टिकट केवल ऑनलाइन उपलब्ध हैं और कोई अन्य साधन नहीं है. संपादित और नकली टिकटों पर यात्रा करना एक दंडनीय अपराध है."


गुलमर्ग गंडोला प्रोजेक्ट की टिकट स्कैनिंग टीम ने 14 अप्रैल को स्कैनिंग प्वाइंट पर मुंबई से आए 28 पर्यटकों के एक समूह को पकड़ा था. ये यात्री अपने टूर मैनेजर मकरंद आनंद घाणेकर के माध्यम से संपादित नकली टिकट ले जा रहे थे, जिन्होंने खुद मुंबई में इन टिकटों को एडिट किया था और यात्रियों को इस अवैध गतिविधि के बारे में पता नहीं था.


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