DNLA And Assam Government Agreement: असम सरकार के शांति समझौते की दिशा में किए गए प्रयासों से गुरुवार (27 अप्रैल) को सरकार को एक और कामयाबी हासिल हुई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम के उग्रवादी संगठन डिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (DNLA) के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoS) पर हस्ताक्षर किए गए.


इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से इस उग्रवादी इलाके के चहुंमुखी विकास के लिए एक हजार करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई. इस मौके पर अमित शाह के अलावा मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और DNLA समूह की ओर से सुदरी सोरोंगफंगसा और ईटका डिफुसा मौजूद रहे.  


इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर के बाद असम के जंगलों में हथियारों के साथ कोई आदिवासी उग्रवादी संगठन नहीं घूमेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में, गृह मंत्रालय असम राज्य में स्थायी शांति और विकास लाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता वाली असम सरकार के साथ लगातार काम कर रही है.


‘हिंसा खत्म करने के लिए हुआ समझौता’


इस दौरान गृह मंत्री ने कहा, “दिमासा पीपल्स सुप्रीम काउंसिल और दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी ने हिंसा खत्म करने और दिमासा के लोगों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए असम सरकार के साथ आज (27 अप्रैल) ये समझौता किया है. ये मेरे लिए आनंद और संतुष्टि का विषय है.”


केंद्रीय गृह मंत्री ने उग्रवादी संगठन से हिंसा छोड़ने, अपने हथियार डालने, अपने संगठन और शिविरों को भंग करने और राष्ट्र निर्माण के कार्य में शामिल होने का आग्रह किया. शाह ने इस दौरान एक हजार करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की. DNLA के आत्मसमर्पित उग्रवादियों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से 500-500 करोड़ रुपये दिए जायेंगे.


क्या बोले हिमंत बिस्वा सरमा?


वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “चरमपंथी समूह दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (DNLA) और असम सरकार के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. उल्फा को छोड़कर राज्य में सभी समस्याओं का समाधान कर लिया गया है.” सरमा ने आगे कहा, "डीएनएलए के कैडर न केवल दीमा हसाओ जिले में बल्कि पूरे राज्य में शांति, विकास और स्थिरता के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे."


दरअसल DNLA ने अप्रैल 2023 से 30 सितंबर, 2023 तक एकतरफा युद्धविराम को और छह महीने के लिए बढ़ाने की घोषणा की. सितंबर 2021 को, DNLA ने असम के मुख्यमंत्री की शांति की मांग के जवाब में 'बेहतर शांतिपूर्ण वातावरण, विकासात्मक वार्ता और हमारे बीच सह-संबंध' के लिए छह महीने की अवधि के लिए एकतरफा युद्ध विराम की घोषणा की थी.


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