जम्मू कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों की संख्या और आकार के बारे में जानकारी अगले हफ्ते तक मिल जाएगी. जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग 6 मई को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सार्वजनिक करने जा रहा है. इस दौरान आयोग को परिसीमन के लिए 400 से अधिक आपत्तियां और सुझाव मिले हैं. फिलहाल आयोग केंद्रीय कानून मंत्रालय को अपनी सिफारिशें सौंपने के अंतिम चरण में है. परिसीमन आयोग ने इसके लिए एक पैनल का निर्माण किया था. 


पैनल को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन का काम सौंपा गया है और आयोग की अवधि समाप्त होने पर 6 मई से पहले अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा गया है. इस पैनल की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और सेवानिवृत मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र और राज्य चुनाव आयुक्त के के शर्मा की अध्यक्षता वाला आयोग 6 मई को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने जा रहा है. 


मार्च में आयोग ने सार्वजनिक की थी मसौदा रिपोर्ट


आपको बता दें कि आयोग ने 14-21 मार्च के बीच परिसीमन को लेकर अपनी मसौदा रिपोर्ट को सार्वजनिक किया था. इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बाद आयोग को 400 से अधिक आपत्तियां और सुझाव प्राप्त हुए हैं. इस मामले में उनको प्रमुख राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, संसदीय और विधानसभा दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित व्यक्तियों द्वारा आपत्तियां और सुझाव दिए गए थे.


ऐसे संकेत थे कि आयोग राजनीतिक दलों, संगठनों और व्यक्तियों से प्राप्त कुछ आपत्तियों/सुझावों को स्वीकार कर सकता है. इस आयोग के सहयोगी सदस्य प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह और जुगल किशोर हैं. दोनों ही जम्मू संभाग से बीजेपी के लोकसभा सदस्य हैं, वहीं कश्मीर से नेशनल कॉन्फ्रेंस डॉ फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी इस आयोग के सदस्य हैं.


6 मई से पहले आ जाएगी पैनल रिपोर्ट


वहीं आयोग से संबंधित रिपोर्ट पर सूत्रों ने कहा कि यह रिपोर्ट 6 मई से पहले आने की उम्मीद है. किसी भी मामले में, पैनल अपने कार्यकाल में नए सिरे से विस्तार की मांग नहीं करेगा क्योंकि इसने अपना ज्यादातर काम पूरा कर लिया है. आयोग के रिपोर्ट जमा करने के बाद ही जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव करा दिए जाएंगे. इसके संकेत देश के गृहमंत्री अमित शाह ने पहले ही दे दिए थे.


रिपोर्ट आने के बाद करा दिए जाएंगे चुनाव


अमित शाह ने कहा था कि परिसीमन आयोग की रिपोर्ट जमा करने के छह से आठ महीने बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. एक बार परिसीमन रिपोर्ट पूरी होने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी. आपको बता दें कि इसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की भी 24 सीटें आती हैं. इन 24 विधानसभा सीटों को खाली रखा जाता है.  


गौरतलब है कि आखिरी बार 1994-95 में राष्ट्रपति शासन के दौरान जम्मू कश्मीर में परिसीमन हुआ था. तब तात्कालीन राज्य विधानसभा की सीटों को 76 से बढ़ाकर 87 कर दिया गया था. जम्मू क्षेत्र की सीटों को 32 से बढ़ाकर 37, कश्मीर की 42 से 46 और लद्दाख की दो से बढ़ाकर चार कर दिया गया था.


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