दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा मामले में तीन और आरोपियों के खिलाफ एनएसए लगाने की तैयारी हो रही है. इससे पहले पांच लोगों पर केंद्रीय गृहमंत्रालय ने पांच आरोपियों के खिलाफ एनएसए लगाया था. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस तीन लोगों के डोजियर और बना रही है जिन्हें गृह मंत्रालय के पास भेजा जा रहा है.


बताया जा रहा है कि, गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद इन तीनों पर भी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगेगा. इस अधिनियम के तहत इन सभी लोगों को दिल्ली पुलिस फिर से डिटेन करेगी और इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल में रखा जाएगा. बता दें, इससे पहले जिन पांच आरोपियों के खिलाफ एनएसए लगाया गया है, उनमें मुख्य आरोपी कहे जा रहे अंसार का नाम भी शामिल है. उसके अलावा आरोपी सलीम, इमाम शेख उर्फ सोनू, दिलशाद और आहिर के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. 


क्यों लगाया गया है एनएसए


सबसे जरूरी बात ये है कि रासुका में संदिग्ध व्यक्ति को आरोप सिद्ध हुए बिना लगातार 1 साल तक जेल में रखा जा सकता है, साथ ही केंद्र या राज्य सरकार को जिसने उस शख्स को बंद किया है यदि उसे इस दौरान उसके खिलाफ नए सबूत मिलते हैं तो गिरफ्तारी की अवधि को बढ़ाया जा सकता है. एक खास बात यह भी है कि जब कोई अधिकारी ऐसे किसी संदिग्ध को गिरफ्तार करता है तो उसे राज्य सरकार को इस गिरफ्तारी का कारण बताना पड़ता है. यदि राज्य सरकार या केंद्र सरकार इस गिरफ्तारी की अनुमति नहीं देती तो राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लागू नहीं किया जा सकता, लेकिन तब भी कुछ दिनों तक ऐसे संदिग्ध को गिरफ्तार कर हिरासत में रखा जा सकता है. यह भी ध्यान रहे की गिरफ्तारी के आदेश जिला मजिस्ट्रेट या पुलिस आयुक्त अपने संबंधित क्षेत्र अधिकार के तहत जारी कर सकते हैं.


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