Gujarat Assembly Election: गुजरात (Gujarat) में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर कांग्रेस (Congress) पार्टी के नेता मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने इसको लेकर कहा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का जीतना मुश्किल है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये एक ऐसी चुनौती नहीं है जिसे जीता न जा सके. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद एक बार माहौल जरूर बना था जब कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतने के पास आ गई थी.


इस साल के अंत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए देवड़ा ने कहा कि पार्टी नोटबंदी के बाद सत्ता विरोधी लहर के बीच पांच साल पहले गुजरात चुनाव जीतने के निकट आ गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में बीजेपी 1998 से सत्ता में है, जबकि कांग्रेस 1995 के बाद से विधानसभा चुनाव में एक भी बार जीत हासिल नहीं कर पाई है. कांग्रेस ने 2017 में 77 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने 99 सीट पर कब्जा किया था.


सही रणनीति के लिए अशोक गहलोत की मदद


मलिंद देवड़ा ने कहा कि मैं सही रणनीति बनाने में मदद करने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मिलकर काम करूंगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जमीनी स्तर पर एकता हो और पहले के चुनावों में हमें प्रभावित करने वाली गलतियों का दोहराव नहीं हो. उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक की भूमिका यह सुनिश्चित करना होती है कि चीजें सहजता से आगे बढ़ें. उन्होंने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि इस बार चुनाव जीतने के लिए कोई कसर न छोड़ी जाए.


मिलिंद देवड़ा ने सुर्खियों से बनाई दूरी


मुंबई दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में लगातार दूसरी हार और कांग्रेस की मुंबई इकाई के अध्यक्ष पद को छोड़ने के बाद से देवड़ा सुर्खियों से दूर रहते हैं. पूर्व सांसद ने कहा कि उन्हें गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पर्यवेक्षक की भूमिका देकर पार्टी ने उन पर अपना भरोसा दिखाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दशकों की सत्ता विरोधी लहर को सामने लाना है और अपनी स्वयं की एक रचनात्मक योजना पेश करनी है.


देवड़ा ने माना चुनौतियां हैं


मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) ने कहा कि चुनौतियां हैं, लेकिन उनसे पार पाना नामुमकिन नहीं है. हम पिछली बार की तुलना में बेहतर कर सकते हैं. एक पर्यवेक्षक की भूमिका राज्य इकाई को यह बताना नहीं है कि क्या करना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि चीजें सुचारू रूप से चलें और संगठन में एक सामंजस्यपूर्ण संतुलन बना रहे.’’ कांग्रेस (Congress) को अतीत में राज्य के चुनावों में मिली हार के बारे में सवाल किए जाने पर देवड़ा ने कहा कि गुजरात (Gujarat) में जीत हासिल करना कठिन काम है, लेकिन पिछले प्रदर्शनों के आधार पर चुनावी परिणाम (Election Result) की भविष्यवाणी करना उचित नहीं है.


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