Indian Air Force: वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (VR Chaudhari) ने देश में अलग एयर डिफेंस कमांड बनाने का विरोध किया है. वायुसेना प्रमुख के मुताबिक, एयर डिफेंस को काउंटर एयर ऑपरेशन (एयर स्ट्राइक) से अलग करना देश के लिए घातक साबित हो सकता है. शुक्रवार को एक सेंटर फॉर ज्वाइंट वॉरफेयर स्टडीज़ (सेनजोस) सेमिनार में बोलते हुए एयर चीफ मार्शल चौधरी ने साफ तौर से कहा कि एयर-डिफेंस (Air Defence Command) को काउंटर एयर ऑपरेशन (एयर स्ट्राइक) से अलग करना काउंटर-प्रोडक्टिव साबित हो सकता है यानि ये देश के लिए घातक साबित हो सकता है. क्योंकि ये दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. 


सेमिनार का थीम था 'एयर एंड मिसाइल डिफेंस'. इस सेमिनार के दौरान वायुसेना प्रमुख (Air Chief Marshal) वीआर चौधरी ने कहा कि एयर डिफेंस और काउंटर एयर ऑपरेशन दोनों की सफलता और असफलता एक दूसरे पर निर्भर करती है.


अलग एयर डिफेंस कमांड बनाने का विरोध


दरअसल, तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Gen Bipin Rawat ) ‌थलसेना, वायुसेना और नौसेना के एकीकरण के लिए देश में अलग अलग थियेटर कमांड बनाने के पक्ष में थे, जिसमें एक अलग एयर डिफेंस कमांड थी और एक नौसेना के नेतृत्व वाली मेरीटाइम थियेटर कमांड थी. थलसेना की 2-3 कमांड थी. वायुसेना ने जनरल बिपिन रावत के समय में भी अलग थियेटर कमांड (Theatre Command) का भी विरोध किया था.


वायुसेना प्रमुख ने क्या कहा?


CDS बिपिन रावत (Bipin Rawat) की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत के बाद से देश में थियेटर कमांड (Theatre Command) बनाने का काम सुस्त पड़ गया. जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद सरकार ने नए सीडीएस (CDS) की नियुक्ति भी नहीं की है. हालांकि, कुछ हफ्ते पहले सरकार ने सीडीएस की नियुक्ति को लेकर एक बड़ा बदलाव करते हुए अब लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी को इस पद के योग्य मान लिया है. शुक्रवार को अपने संबोधन में वायुसेनाध्यक्ष वीआर चौधरी ने कहा कि इस समय 4-5 जेनरेशन के 'ओमनीरोल' फाइटर जेट्स हैं. ऐसे में उन्हें किसी एक रोल में बांध देना उनका अंडर-यूटिलाईजेशन होगा.


ये भी पढ़ें:


Digital Platform: IT कानूनों में बदलाव की तैयारी में सरकार, कंटेंट इस्तेमाल करने पर टेक कंपनियों को करना होगा भुगतान


GST Provision: जीएसटी के विरोध में देशभर में आज व्यापारियों की हड़ताल, कारोबार रहेगा बंद