मुंबई: कोरोना महामारी के दौरान लाखों लोग बेरोजगार हो गए और कई छोटी संस्थाओं के सामने अस्तित्व का संकट का खड़ा हो गया. ऐसे लोगों और संस्थाओं की मदद के लिए कुछ निवेशकों और संस्थाओं के एक ग्रुप ने मंगलवार को 65 लाख डॉलर के कोष का ऐलान किया है.

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक इस कोष से महामारी से सीधे प्रभावित योग्य लोगों और छोटी कंपनियों को दान, वापस करने करने वाला अनुदान और ऋण के रूप में मदद दी जाएगी. इसमें भी युवाओं और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. समाहित-कलेक्टिव गुड फाउंडेशन (सीजीएफ), अंतरराष्ट्रीय विकास की अमेरिकी एजेंसी (यूएसएड), माइकल एंड सुजैन डेल फाउंडेशन (एमएसडीएफ) और ओमिदयार नेटवर्क इंडिया ने मिलकर इस पुनरूत्थान योजना ‘रिवाइव’ की पेशकश की है.

'रिवाइव' योजना कंपनियों के साथ मिलकर करेगी काम समाहित की संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रिया नाइक ने कहा कि लोगों के आजीविका संकट को दूर करने और अर्थव्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया को तेजी से शुरू करने के लिए ‘रिवाइव’ योजना कंपनियों और फाउंडेशंस (कल्याणकारी संस्थाओं) के साथ मिलकर काम करेगी.

उन्होंने कहा कि यह इंडस्ट्रियों और छोटी कंपनियों तक सस्ती पूंजी की पहुंच सुनिश्चित करेगा, क्योंकि यह राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और कारोबारों की रीढ़ हैं. सीजीएफ को कोष मुहैया कराने वालों में टाटा ट्रस्ट्स और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन भी शामिल हैं.

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