विदेश मंत्रालय (MEA) ने संसद को बताया है कि यूक्रेन-रूस युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 202 भारतीयों को रूसी सेना में भर्ती किया गया है. इनमें से 26 भारतीयों की मौत हो चुकी है, 7 लापता हैं और 50 अभी भी रूसी सेना में फंसे हुए हैं.

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अभी भी फंसे हुए 50 लोगों को जल्द निकाला जाएगा

मंत्रालय के मुताबिक, सरकार की लगातार कोशिशों से 119 भारतीयों को जल्दी डिस्चार्ज कराकर भारत वापस लाया जा चुका है. बाकी बचे 50 लोगों को भी जल्द वापस लाने की कोशिश की जा रही है. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'सरकार की कोशिशों से 119 लोगों को जल्द डिस्चार्ज मिला है और 50 लोगों के लिए कोशिशें चल रही हैं.'

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पैसे और नौकरी की लालच में फंसे भारतीय युवा

यह भारतीय ज्यादातर बेरोजगार युवा हैं, जिन्हें धोखे से ऊंची सैलरी और अच्छी नौकरी का लालच देकर रूस भेजा गया था. कई एजेंट्स ने उन्हें स्टूडेंट या टूरिस्ट वीजा पर रूस भेजा, लेकिन वहां पहुंचकर उन्हें जबरन रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया. कई मामलों में सैलरी भी नहीं दी गई और फ्रंटलाइन पर भेज दिया गया, जहां से भागना मुश्किल है.

कुछ भारतीयों को रूस में छोटे-मोटे अपराध के लिए पकड़े जाने पर जेल की बजाय सेना में लड़ने का ऑप्शन दिया गया. नए देश में बेरोजगार भारतीय युवाओं के पास कोई रास्ता नहीं बचा, तो उन्हें सेना में भर्ती होना पड़ा.

भारत के कई राज्यों से रूस पहुंचे युवा

यह युवा मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात, राजस्थान, केरल और उत्तराखंड जैसे राज्यों से हैं. मंत्रालय ने 26 मौतों में से 10 भारतीयों के शव भारत लाने में मदद की है और 2 शवों का रूस में ही अंतिम संस्कार कराया है. 18 मौतों या लापता मामलों की पहचान के लिए परिवारों के DNA सैंपल रूसी अधिकारियों को दिए गए हैं.

सरकार ने चेतावनी जारी कर सावधान रहने को कहा

भारतीय दूतावास रूस में इन लोगों की मदद कर रहा है, जैसे ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स देना, टिकट का इंतजाम करना और वापसी में सहायता करना. सरकार ने कई बार चेतावनी जारी की है कि लोग रूस-यूक्रेन युद्ध से दूर रहें और ऐसे धोखाधड़ी वाले जॉब ऑफर से बचें.

100 भारतीय इंटरनेशनल लीजन में शामिल

यूक्रेन की तरफ से अनौपचारिक रिपोर्ट्स में कहा गया है कि करीब 100 भारतीय इंटरनेशनल लीजन यानी ग्रुप में शामिल हुए हैं, जिनमें से कम से कम 2 की मौत हुई है. लेकिन आधिकारिक संख्या नहीं है. यह मामला लगातार सुर्खियों में है और परिवार वाले अपने लोगों की सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे हैं. सरकार रूसी अधिकारियों से लगातार संपर्क में है ताकि बाकी भारतीयों को जल्द वापस लाया जा सके.