Indian Navy New Decision: अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों पर लगातार होते हमलों को भारतीय नौसेना ने गंभीरता से लिया है. भारतीय नौसेना चीफ एडमिरल आर. हरि कुमार ने अरब सागर क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रखने के लिए हर संभव कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं, उन्होंने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संदिग्ध नौकाओं की गहन जांच करने का भी निर्देश दिया है.


एएनआई से बातचीत में एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा, समुद्री सुरक्षा अभियान चलाने और किसी भी घटना की स्थिति में व्यापारिक जहाजों की मदद करने के लिए विध्वंसक और फ्रिगेट वाले नौसेना वर्क फोर्स को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि नौसेना हिंद महासागर में नए सुरक्षा खतरों की जांच के लिए कोस्ट गार्ड बल के साथ मिलकर काम कर रही है.


भारतीय समुद्र तट से 400 किमी दूरी पर हुआ था हमला


भारतीय नौसेना ने यह कदम एक व्यापारिक जहाज एमवी केम प्लूटो पर भारतीय समुद्र तट से 400 किमी दूर एक ड्रोन से हुए हमले के कुछ दिनों बाद उठाया है. गौरतलब है कि यह जहाज 21 चालक दल के सदस्यों (20 भारतीयों और एक वियतनामी) के साथ अरब सागर 26 दिसंबर को कोस्ट गार्ड जहाज विक्रम की सुरक्षा में मुंबई बंदरगाह पर पहुंचा था.


खतरे को देखते हुए उठाया गया कदम


नौसेना ने अपने बयान में कहा, "पिछले कुछ हफ्तों में लाल सागर, अदन की खाड़ी और मध्य/उत्तरी अरब सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों पर समुद्री सुरक्षा घटनाएं बढ़ी हैं. इसी को देखते हुए यह कदम उठाए जा रहे हैं."


अक्टूबर में लाल सागर में हुआ था सबसे बड़ा हमला


7 अक्टूबर को इजरायल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद से महत्वपूर्ण लाल सागर शिपिंग लेन पर यमन के ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए थे. इसके बाद एमवी केम प्लूटो पर भी हमला किया गया. बताया जा रहा है कि इजरायल और हमास के बीच जब तक युद्ध चल रहा है तब तक ऐसे हमलों की खतरा बना रहेगा.


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