नई दिल्ली: सीमा पर चल रहे तनाव के बीच लद्दाख के चुशुल में भारत और चीन के बीच आज ब्रिगेड कमांडर लेवल की बैठक हुई. ये बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई और लगभग दोपहर 3 बजे खत्म हो गई. यानी ये मीटिंग करीब चार घंटे तक चली. दोनों देशों की सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कई बिंदुओं पर आमने-सामने हैं. भारत और चीन के सैनिक एक-दूसरे से कुछ ही मीटर की दूरी पर हैं.


बता दें कि ये बैठक गुरुवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई मीटिंग के बाद हुई. चार महीनों से पूर्व लद्दाख में जारी तनाव को खत्म करने के लिए दोनों नेताओं की बैठक में पांच सूत्री फॉर्मूले पर सहमति हुई.


क्या है ये पांच सूत्री फॉमूला?


दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में जिन पांच सूत्री फॉर्मूले पर सहमति बनी उसमें पहला मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना शामिल है. दूसरा ये कि दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटें और उचित दूरी पर रहें. तीसरा- दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रहे. चौथा- समझौते और प्रोटोकॉल को दोनों देश मानें और पांचवां ये कि तनाव बढ़ाने वाले कदम न उठाए जाएं.


दोनों नेताओं की बैठक के बाद ये माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सैन्य स्तर की बातचीत का सिलसिला तेज हो सकता है. इसी कड़ी में शुक्रवार को दोनों देशों के बीच बिग्रेड कमांडर लेवल की बैठक हुई.


भारत-चीन के बीच टेंशन की टाइमलाइन


15 जून को गलवान में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई. इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए. चीन के भी सैनिक बड़ी संख्या में हताहत हुए लेकिन उसने आंकड़े नहीं जारी किए.


इसके बाद 3 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का दौरा किया और वहां के हालात का जायजा लिया. उन्होंने हिंसक झड़प में घायल हुए सैनिकों से भी मुलाकात की थी.


पीएम मोदी के दौरे के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 17 जुलाई को लद्दाख पहुंचे थे और स्थिति की समीक्षा की थी.


29-30 अगस्त की रात को पैंगोंग लेक के दक्षिण में चीनी सेना से फिर झड़प हुई. चीन के सैनिकों ने भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश की लेकिन भारतीय सेना ने इसे नाकाम कर दिया. चीनी सैनिकों को पीछे हटना पड़ा.


31 अगस्त को चुशुल में भारत और चीन के बीच ब्रिगेड स्तर की बैठक हुई. दोनों देशों के बीच हुई इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला.


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