भारत देश की तीनों सेनाओं का तेजी से आधुनिकीकरण कर रहा है. देश की सेनाओं के पास एक से बढ़कर एक मिसाइल, हथियार, एयरक्राफ्ट और नेवल वेपन हैं. जिस तरह से सेनाओं का मॉर्डनाइजेशन हो रहा है, उससे आने वाले 10-20 सालों में भारत की सेनाएं दुनिया की सबसे ताकतवर सेना बन सकती हैं. भारत की ये तैयारी चीन और पाकिस्तान के पसीने छुड़ा देगी. दोनों देश सीमा पर भारत को परेशान करने की कोशिश में लगे रहते हैं, लेकिन इन्होंने जब-जब भारत की तरफ अपनी नापाक नजरें उठाईं, हर बार इन्हें मुंह की खानी पड़ी. उरी सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयरस्ट्राइक और गलवन घाटी जैसे उदाहरण सामने हैं.


Defence XP के अनुसार, टेक्नोलॉजी का जिस तरह से इस्तेमाल बढ़ा है उससे लगता है कि हमारी सेना में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की भूमिका भी बढ़ सकती है. आज के समय में दुनियाभर की सेनाएं अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) बनाने पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं और भविष्य में यह सेनाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएगा. इसी तरह एआई इन अनमैन्ड व्हीकल्स को ऑपरेट करने में खास भूमिका निभाएंगी. आइए जानते हैं कि 2040 तक भारतीय वायुसेना के हथियार, एयरक्राफ्ट किस लेवल पर हाईटेक हो जाएंगे.


फाइटर एयरक्राफ्ट
भारत ने देश में ही हथियारों, मिसाइलों और एयरक्राफ्ट का निर्माण शुरू कर दिया है. इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि अगले 16 सालों में फाइटर एयरक्राफ्ट के मामले में भारत पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन जाएगा. कई स्वदेशी एयरक्राफ्ट्स पर काम चल रहा है. सेना के पास मौजूद मिग 29 UPGs, जगुआर और मिराज 2000 जैसे एयरक्राफ्ट तब रिटायर हो वाले हैं और अगले 16 साल बाद सेना में आज के एयरक्राफ्ट में से Su 30 MKI, राफेल और तेजस मौजूद होंगे. आइए जानते हैं कि वायुसेना में अगले 16 सालों में कौन से नए फाइटर एयरक्राफ्ट शामिल हो सकते हैं.


LCA तेजस
भारतीय वायुसेना में तेजस एयरक्राफ्ट पहले से मौजूद है, लेकिन 20 सालों में इसके अलग-अलग वैरिएंटस भी देखे जा सकते हैं. पिछले साल इसके MK1A वैरिएंट के 83 एयरक्राफ्ट सेना को मिलना शुरू हो गए हैं और यह वैरिएंट 2028 तक भारत के पास पहुंच जाएंगे. इनमें से 73 सिंगल सीट हैं, जबकि बाकी के दो 2 सीटर हैं. 20 तेजस MK1 सेना के पास पहुंच चुके हैं, जिनमें से 16 फ्लाइंग डैगर्स स्कावड्रन के पास हैं और बाकी के चार फ्लाइंग बुलेट्स स्कावड्रन के पास हैं. स्कावड्रन सेना में एक इकाई होती है, जिसके पास कई विमान और क्रू होते हैं.


तेजस MK II
पिछले साल तेजस MK II के देश में निर्माण के लिए हरी झंडी मिल गई थी और 2026 तक इसके प्रोटोटाइप का उत्पादन शुरू हो जाएगा. इसका निर्माण 2 साल में हो सकता है. इस दौरान, हम इसके ट्रयल्स और विकासात्मक कार्य देख सकेंगे.


AMCA 
एडवांस्ड मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) वायुसेना का 5th जेनेरेशन फाइटर जेट है. 2030 तक हम इसकी पहली उड़ान देख सकते हैं और 2035 तक इसका बड़े स्तर पर निर्माण शुरू हो जाएगा. इसे लेकर ऐसा माना जा रहा है कि यह वायुसेना के लिए रीढ़ की हड्डी साबित होगा.


हेलीकॉप्टर और हथियार
2040 तक सेना के पास मौजूद चीता और चेतक, Mi 17 जैसे हेलीकॉप्टर रिटायर हो जाएंगे और उनकी जगह नए हेलीकॉप्टर ले लेंगे. चीता और चेतक की जगह Kamov 226 और हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल्स लिमिटेड का मीडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टर  Mi 17 की जगह नजर आएगा. नए हेलीकॉप्टर्स में पुराने वालों जैसी सारी खूबिया मौजूद हैं. 2040 तक सेना के पास अस्त्र Mk II जैसे स्वदेशी हथियार भी होंगे. इसके छोटी दूरी के वर्जन भी सेना में देखने को मिल सकते हैं.


हवा में जंग के लिए यूएवी आने वाले सालों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. आने वाले समय में दो यूसीएवी सेना में शामिल हो सकते हैं. इनमें पहला AURA और दूसरा प्रीडेटर UCAV है. 2040 तक हो सकता है भारतीय सेना के पास और भी ज्यादा UCAV हों.


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