Russia-Ukraine War: भारत ने गुरुवार (29 फरवरी) को कहा कि सरकार रूसी सेना में सहायता कर्मी के रूप में काम कर रहे करीब 20 भारतीयों कों ‘जल्द से जल्द सुरक्षित वापस’ लाने की पूरी कोशिश कर रही है.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ”हम ऐसा मान रहे हैं कि लगभग 20 लोग (भारतीय) रूसी सेना में सहायक कर्मचारी या सहायक के रूप में काम करने गए हैं.”


उन्होंने कहा, ”हम उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.” जयसवाल ने कहा कि 20 लोगों ने मॉस्को में भारतीय दूतावास से संपर्क किया है.


क्या भारतीयों को लड़ने के लिए किया गया मजबूर?


मीडिया की खबरों के मुताबिक, रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के रूप में भर्ती किए गए कई भारतीयों को यूक्रेन से सटी रूस की सीमा के कुछ क्षेत्रों में रूसी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ने के लिए भी मजबूर किया गया है.


जयसवाल ने कहा, ''हम उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा, ''वे (भारतीय नागरिक) विभिन्न स्थानों पर हैं और हमारा दूतावास रूसी अधिकारियों के संपर्क में है.'' जयसवाल ने कहा कि भारतीयों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार नई दिल्ली और मॉस्को दोनों जगहों पर रूसी अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में है.


'युद्ध क्षेत्र में न जाएं भारतीय'


जायसवाल कहा, ''हमने वहां फंसे लोगों से कहा है कि वे युद्ध क्षेत्र में न जाएं या फिर कठिन परिस्थितियों में न फंसें. हम अपने सभी लोगों की भलाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.'' विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि रूसी सेना में सहायक कर्मचारी के रूप में काम करने वाले कई भारतीयों को भारत सरकार की मांग के बाद कार्य से मुक्त कर दिया गया था.


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