India-Central Asia Dialogue: भारत ने रविवार को पांच मध्य एशियाई देशों ( five Central Asian countries) को अवगत कराया कि वह उनके साथ अपने सहयोग को अगले स्तर तक ले जाने के लिए तैयार है और यह उनकी विकास यात्रा में दृढ़ भागीदार होगा. विदेश मंत्री एस. जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने यह संदेश तीसरे भारत-मध्य एशिया संवाद (India-Central Asia dialogue) में दिया, जिसमें कजाखस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के उनके समकक्षों ने भाग लिया.


पांच देशों के शीर्ष नेतृत्व के 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day celebrations) में भाग लेने की उम्मीद है. तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री राशिद मेरेदोव ने संवाद को जनवरी में आगामी मध्य एशिया-भारत शिखर सम्मेलन की तैयारी के रूप में वर्णित किया. जयशंकर ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, "हम अपने द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति से बहुत खुश हैं, लेकिन हम जानते हैं कि क्षमता बहुत अधिक है. आज हम में से प्रत्येक को अपनी अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण की परीक्षा का सामना करना पड़ रहा है."


बदलती वैश्विक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति पर बात


उन्होंने कहा, "एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) की हमारी खोज को भी सक्रिय किया जाना चाहिए, लेकिन साथ में हम इसे बेहतर कर सकते हैं और भारत, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, आपका दृढ़ भागीदार होगा." विदेश मंत्री ने तेजी से बदलती वैश्विक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति के बारे में बात की और दोनों पक्षों द्वारा विविध क्षेत्रों में सहयोग को और विस्तारित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, "हमारे पास पहले से ही सहयोग का एक अच्छा इतिहास है, लेकिन आज आपको मेरा संदेश, इसे अगले स्तर पर ले जाने के लिए तैयार रहना है."


रणनीतिक साझेदारी गतिशील रूप से बढ़ रही 


कजाख विदेश मंत्री मुख्तार तिलेबर्दी ने साझा प्राथमिकताओं और दोतरफा साझेदारी को एक नए स्तर पर ले जाने की प्रतिबद्धता के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि मध्य एशिया और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी गतिशील रूप से बढ़ रही है, जिसमें सहयोग के नए क्षेत्र शामिल हैं.


भारत के अच्छे संबंधों का उल्लेख


किर्गिज के विदेश मंत्री रुस्लान कजाकबाएव ने अपनी टिप्पणी में इस क्षेत्र के साथ भारत के अच्छे संबंधों का उल्लेख करते हुए इसे सभी मध्य एशियाई राज्यों के लिए एक रणनीतिक भागीदार के रूप में वर्णित किया.


 भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक


ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन ने कहा कि उनका देश भारत-मध्य एशिया वार्ता को पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी के विकास और मजबूती के लिए महत्वपूर्ण मानता है. उन्होंने कहा कि मध्य एशिया के क्षेत्रीय एकीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति क्षेत्र और भारत के बीच सहयोग के विस्तार के नए अवसर पैदा करती है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत एक शक्तिशाली औद्योगिक आधार, विज्ञान और तकनीकी क्षमता के साथ सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.


उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री अब्दुलअजीज कामिलोव ने कहा कि मध्य और दक्षिण एशिया के बीच अंतर-क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए संवाद एक प्रभावी उपकरण के रूप में उभरा है.


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